नई दिल्ली। देश में पहले लोकपाल का गठन हो गया है। पूर्व न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष लोकपाल के अध्यक्ष होंगे। राष्ट्रपति ने मंगलवार को लोकपाल के गठन को मंजूरी दे दी। लोकपाल में अध्यक्ष के अलावा चार न्यायिक और चार गैर न्यायिक सदस्य भी नियुक्त किए गए हैं। न्यायिक सदस्यों में जस्टिस दिलीप बी भोसले, जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती, जस्टिस अभिलाषा कुमारी और जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी हैं। एसएसबी की पूर्व प्रमुख अर्चना रामसुंदरम और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव दिनेश कुमार जैन गैर न्यायिक सदस्य बनाए गए हैं। महेन्द्र सिंह और इंद्रजीत प्रसाद गौतम को भी गैर न्यायिक सदस्य बनाया गया है। प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष , पूर्व अटॉर्नी जनरल की चयन समिति ने न्यायाधीश घोष के नाम की सिफारिश की थी।
लोकपाल को प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री की जांच करने का अधिकार होगा। इसके अलावा उसे सभी केंद्रीय मंत्रियों, दोनों सदनों के सदस्यों, ग्रुप ए बी सी और डी के अधिकारियों की भी जांच का अधिकार होगा।
वहीं ऐसे ट्रस्ट, सोसायटियां और एनजीओ जो सरकार से आर्थिक मदद लेते हैं, उनके निदेशक और सचिव भी उसकी जांच के दायरे में आएंगे। न्यायपालिका और सेनाएं इसकी जांच के दायरे में नहीं होंगी। प्रधानमंत्री के खिलाफ वही मामले आ सकेंगे जो अंतरराष्ट्रीय, आंतरिक, बाहरी सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, अंतरिक्ष और परमाणु कार्यक्रम से जुड़े हुए नहीं होंगे।