सुरेश चौरसिया पत्रकार के साथ व्यवहार कुशल दक्ष भी हैं

नई दिल्ली। सुरेश चौरसिया आज पत्रारिता जगत के जानेमाने नाम हैं। दैनिक हिंदुस्तान, कुबेर टाईम्स, राष्ट्रीय नवीन मेल सहित विभिन अखबारों, पत्रिकाओं में काम कर चुके श्री चौरसिया सन 2000 ई. से अपना समाचार -पत्र राष्ट्रीय शान साप्ताहिक प्रकाशित किया। बाद में मासिक पत्रिका व दैनिक समाचार- पत्र इसी नाम से प्रकाशित कर रहे हैं।


बिहार प्रान्त के सुविख्यात देव सूर्यमंदिर से 4 किमी दूर केताकी पंचायत के तेजू विगहा गांव में 18 जनवरी 1979 को जन्मे श्री चौरसिया का बचपन बेहद कठिनाइयों में गुजरा। पिता रामजी प्रसाद एक साधारण पान किसान थे। थोड़ी खेती भी थी। लेकिन पान उत्पादन में कमी तथा खेती से पर्याप्त अन्न न होने के कारण परिवार के भरण - पोषण में काफी कठिनाई उत्पन्न होती थी। 


सुरेश चौरसिया चार भाइयों में तीसरे नम्बर पर हैं। सबसे बड़ी उनकी बहन हैं। चूंकि श्री चौरसिया के पिता साधारण पान किसान थे,फिर भी वे अपने बच्चों की पढ़ाई- लिखाई में दिल खोलकर साथ दिया। 


श्री चौरसिया प्राथमिक शिक्षा खेमचन्द विगहा तथा हाई स्कूल केताकी से किया। एमए की शिक्षा औरंगाबाद के सिन्हा कॉलेज से किया। पढ़ाई के दौरान ही वे पत्र- पत्रिकाओं के लिए लिखने लगे थे। उनकी रचनाएं कल्याण में भी प्रकाशित हुई।


उन्होंने तकरीबन हर विषयों, हर विधाओं में लिखा है और अनवरत लिख रहे हैं। चार दर्जन से अधिक किताबें वे लिख चुके हैं। हिन्दू संस्कृति पर उनका शोध जारी है। व्यवहार कुशल सुरेश चौरसिया सबसे मित्रता रखते हैं।