पटना।
बिहार के कई जिलों में बाढ़ से त्राहि-त्राहि मच गई है। बाढ़ से 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ जिलों में 18 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से बिहार की पांच नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें अधिकारियों को बाढ़ से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश देने के साथ ही सभी जिलों में राहत और बचाव कार्य चलाने को भी कहा गया है।
बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार विकास आयुक्त सुभाष शर्मा व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस बीच, मौसम विभाग ने अगले चार दिनों में कई जगहों पर तूफान की चेतावनी जारी की है।
बाढ़ ने दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मोतिहारी और शिवहर, सुपौल, मुजफ्फरपुर में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। अररिया में दो, शिवहर और किशनगंज जिले में एक-एक मौत हुई है। सीतामढ़ी जिले में 11 लाख, जबकि अररिया में 5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 12 टीमों को बचाव और राहत कार्यों में लगाया गया है।
सुपौल जिले में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से लगभग 50 हजार लोग प्रभावित हो चुके हैं। मुजफ्फरपुर के औराई में एक दर्जन से अधिक गांव मे बाढ़ का पानी घुस गया है, जिसके बाद लोगों को ऊंची जगह पर शरण लेनी पड़ी है। यहां आपदा प्रबंधन की टीमें लोगों को राहत पहुंचाने के काम में जुटी हुई हैं। छह जिलों में लोगों का खाना मुहैया कराने के लिए 16 से ज्यादा सामुदायिक रसोई घरों बनाए गए हैं।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ से प्रभावित पांच जिलों का हवाई दौरा किया। नीतीश ने दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मोतिहारी और शिवहर में हालातों का जायजा लिया और अधिकारियों को बचाव व राहत कार्यों का दायरा बढ़ाने का निर्देश दिया। अभी भी अधिकांश जगहों पर राहत नहीं पहुंचने की ख़बर है।