प्रगति चौरसिया ने लिखा अपने नाम के साथ प्रगति का इतिहास, मिला अमेरिका में 18 लाख का पैकेज

प्रगति चौरसिया ने लिखा प्रगति का इतिहास, मिला अमेरिका में 18 लाख रुपये का पैकेज
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जो भी काम हम करें, उसको सर्वोत्तम विधि से करें, यही हमारा संकल्प होना चाहिए। चाहे आप जो भी काम करें, उसमें एक जुनूनी ललक नजर आनी चाहिए। अपने से उच्च अपेक्षा रखें, जिसमें अपने सपनों को चरितार्थ करने के लिए भरपूर उमंग का भी साथ होना चाहिए। पर स्वयं को बेहद दबाव में डालकर काम करना भी कोई अक्लमंदी नहीं है। यदि ऐसा होता है तो पता लगाएं कि क्या चीज आपको इतना तनाव या दबाव दे रही है। फिर उसको दूर करने या सुधारने का प्रयत्न करें। इसके लिए खास योजनाएं बनाएं और उसी के अनुसार काम भी करें।


हम बात कर रहे हैं प्रगति चौरसिया की जिसने पूरी ईमानदारी के साथ अपने भविष्य को गढ़ लिया है।



केंद्रीय औषधि भंडार बलिया में कार्यरत चीफ फार्मासिस्ट अविनाश कुमार चौरसिया की पुत्री प्रगति का चयन एक विदेशी टेलीकॉम कंपनी में 18 लाख के पैकेज पर किया गया है। इससे घर-परिवार ही नहीं, शुभचितकों और चौरसिया समाज में खुशी की लहर है।


मूलरूप से मऊ जनपद के रतनपुरा निवासी व स्वास्थ्य विभाग बलिया में तैनात अविनाश कुमार चौरसिया की बेटी प्रगति शुरू से ही मेधावी रही है। प्रगति ने अमरनाथ इंटर कालेज कंसो से 2009 में हाईस्कूल तथा 2011 में राजकीय बालिका इंटर कालेज से इंटरमीडिएट के बाद अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिग कालेज गाजियाबाद से बी-टेक की पढ़ाई पूरी की। बी-टेक में यूपी में पांचवां स्थान प्राप्त करने के बाद प्रगति वीएलएसएलआइ ब्रांच एनआईटी राउरकेला उड़ीसा से एम-टेक कर रही थी। एम-टेक के पहले सेमेस्टर में टॉप-4 पर रही प्रगति अभी थर्ड सेमेस्टर की पढ़ाई कर रही है। इसी दौरान उक्त कम्पनी में उसने परीक्षा दिया था। इसका रिजल्ट शुक्रवार को आया तो परिजन खुशी से झूम उठे। प्रगति की इस सफलता पर चहुंओर हर्ष व्याप्त है।


चौरसिया समाज के बच्चे आगे बढ़ रहे हैं, यह बेहद खुशी की बात है। आप भी अपने बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। वर्ना, कोई, किसी के सहारे की उम्मीद न करें। खुदगर्ज जमाने में सामाजिक लोग अपने लाभ, मक़सद के लिए कार्य कर रहे हों, तो मदद की उम्मीद न के बराबर होती है। वैसे, चौरसिया समाज के मंच पर सामाजिक उत्थान की बड़ी बड़ी बातें की जाती है, जो हक़ीक़त में कोसों दूर होता है। ये बड़े कहलाने वाले भीतर से क्या होते हैं, आप समझ सकते हैं। ऐसे में आप अपने बच्चों को आगे बढ़ाइए और आगे बढ़ें, यही तय कीजिए। इसी में आपका भलाई है।