विजय चौरसिया बने एसडीएम, चौरसिया का नाम किया रौशन

विजय कु. चौरसिया बने एसडीएम, किया क्षेत्र और चौरसिया समाज का नाम रौशन
****************************************


मुसीबत के साये में मैं हँसता-हँसाता हूँ,
ग़मों से उलझ कर भी मैं मुस्कराता हूँ,
हाथों में मुकद्दर की लकीरें है नहीं लेकिन,
मैं तो अपना मुकद्दर खुद बनाता हूँ।


अगर इरादे मजबूत हों तो मंजिल मिल ही जाती है। ऐसा ही कर दिखाया है बखरी के विजय कुमार चौरसिया ने। नगर क्षेत्र के वार्ड संख्या 11 निवासी रामनाथ चौरसिया के पुत्र विजय कुमार चौरसिया ने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए सफलता का मुकाम हासिल किया है।



 शादीशुदा जिंदगी और नौकरी की जिम्मेदारी पूरी करते हुए इन्होंने बीपीएससी की 63वीं परीक्षा में प्रशासनिक सेवा के लिए 24वां रैंक हासिल किया है। उन्हें एसडीएम पद के लिए चुना गया है। 


विजय कहते हैं कि बचपन से ही उन्हें आईएएस अधिकारी बनने का शौक है। तीन बार उन्हें यूपीएससी की मेन्स में सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि वे अगले साल एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा में भाग लेंगे। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय पिता रामनाथ चौरसिया व मां लीला देवी को दिया है।


 इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई है। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले विजय का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा बखरी के ही शिवालिक पब्लिक स्कूल में हुई। उन्होंने पांचवीं तक पढ़ाई पूरी करने के बाद कक्षा छह से 10वीं तक की पढ़ाई आरपीएस पटना में की। 10वीं की बोर्ड परीक्षा 2002 में पास की है। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय पटना से पूरी की। इसके बाद उन्होंने स्नातक कॉमर्स से बीआर अंबेडकर कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी से की। वर्ष 2009 में इन्होंने दिल्ली से सीए की डिग्री हासिल की है। वर्ष 2018 में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड में उन्हें अकाउंट ऑफिसर की नौकरी मिल गई जहां ये कार्यरत हैं। इसके पूर्व वर्ष 2013 में बिहार सीए एसोसिएशन पटना के सीआईएसएसीए के चुनाव में अलग-अलग पदों पर इन्होंने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा किया है। 
विजय की शादी वर्ष 2013 में आर्या के साथ हुई। पारिवारिक जिम्मेदारियों और नौकरी के दायित्व का पालन करते हुए उन्होंने यह सफलता का मुकाम हासिल किया है।