नोएडा। कालिंदी कुंज मार्ग एनआरसी व सीसीए कानून के विरोध की वजह से पिछले 10 दिनों से बंद है, किसकी वजह से नोएडा, फरीदाबाद एवं दिल्लीवासियों को काफी भारी परेशानी हो रही है। इस मार्ग का आवागमन बंद है। इस मार्ग से आने - जाने वाले यात्री हलकान हैं। प्रतिदिन नौकरी पेशा लोगों पर मानो इस मार्ग के बंद होने से काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। नोएडा व फरीदाबाद आने- जाने के लिए यात्रियों को टोलब्रिज व अक्षरधाम के दिल्ली मार्ग से गंतव्य करना पड़ रहा है। वह भी बेहद जाम की स्थिति में। ऐसे में समय दुगुना लग रहा है और वाहनों की दिक्कतें भी अधिक है। इस मार्ग पर मेट्रो का साधन तो है, पर किराया अधिक होने से यात्रियों के उपर आर्थिक मार पड़ रही है।
गौरतलब है कि नोएडा ( यूपी) व फरीदाबाद (हरियाणा) में दोनों जगह ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और यमुना नदी पर तीन पुल प्रस्तावित भी है । एक पुल (Bridge) जो एफ एन जी को जोड़ता है और एफ एन जी का लगभग 70% कार्य नोएडा, गाजियाबाद द्वारा पूरा किया जा चुका है, लेकिन इन पूलों को लेकर दोनों प्रदेशों की सरकारें संजीदा नहीं है। अगर यह पूल (Bridge) समय से बन जाता तो फरीदाबाद, नोएडा आदि में रहने वाले लोगों को काफी सहूलियत एवं जाम की समस्या से निजात भी मिल जाती। लेकिन, सरकार का इस तरफ ध्यान ही नहीं है जो नोएडा व फरीदाबाद हरियाणा के विकास में एक अहम भूमिका निभा सकता है।
नोएडा के सेक्टर 167-168 के आगे यमुना पर पुल बनाने की योजना धूल फांक रही है। इस पुल के बन जाने के बाद हरियाणा में फरीदाबाद के लालपुर गांव के पास से होती हुई सड़क सदपुरा व फरीदपुर गांव के बीच से निकलकर सेक्टर-59 में मथुरा रोड से लिंक मिल जाएगी। इसका प्रावधान फरीदाबाद के मास्टरप्लान-2031 में कर दिया गया है। नोएडा में यह एरिया कुल 19.09 किमी है, जबकि इस एफएनजी की लंबाई लगभग 56 किमी है।
बहरहाल, मामला अधर में है। लोग मुसीबत का सामना कर नोएडा-फरीदाबाद की यात्रा लंबे मार्ग से तय को बाध्य हैं। कालिंदी कुंज मार्ग शीघ्र खुलने की प्रतीक्षा में यात्री पलकें बिछा रखे हैं।