कचैड़ा गांव में महाशय लक्ष्मी चंद की शोक सभा में उमड़ा जन समूह

,**  महाशय लक्ष्मीचंद आर्य की शोक सभा में उमडा जनसमूह, नेताओं का लगा रहा तांता



नोएडा। जब गौतमबुद्ध नगर जिले के कचैड़ा गांव इतिहास लिखा जाएगा तो दो दिन महत्वपूर्ण दर्ज होंगे । यह ऐतिहासिक दिन गांव के लाल महाशय चौधरी लक्ष्मीचंद आर्य की यादें अजर - अमर करते रहेंगे। एक दिन वह था जब उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल मोतीलाल वोरा कचैड़ा गांव में मोहन सिंह कन्या वेदिक इंटर कॉलेज की नींव रखने आए थे। 24 दिसंबर 1995 का वह दिन जब प्रदेश के गवर्नर गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर सीमा पर बसे कचैड़ा गांव में लोगों के बीच पहुंचे थे। गौतमबुद्ध नगर ही नहीं, पश्चिम उत्तर प्रदेश का कचैडा  ही एकमात्र ऐसा गांव है जहां प्रदेश के राज्यपाल ने पदार्पण किया था।  उस कचैडा गांव में आज  एक और ऐतिहासिक पल यादगार बन गया , जब गांव के पूर्व प्रधान महाशय लक्ष्मीचंद आर्य  की श्रद्धांजलि सभा मे हजारों लोगों का जनसमूह उमड़ पड़ा।


यही नहीं बल्कि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री, सांसद ,विधायक आदि तमाम पार्टियों के सैकडो नेता मौजूद रहे । गत 18 दिसंबर को कचैड़ा गांव के अन्ना हजारे कहे जाने वाले महाशय लख्मी चंद आर्य के निधन से गांव कचैड़ा ही नहीं आसपास के लोगों में शोक व्याप्त था। जो आज की शोक सभा में भी दिखाई दिया। जब महाशय जी के  दुख - सुख के साथी एमडीएच मसाले के डायरेक्टर महाशय धर्मपाल की आंखों में आंसू आ गए। जब महाशय धर्मपाल दिवंगत लक्ष्मी चंद आर्य की मूर्ति पर पुष्प अर्जित कर रहे थे तो वह अपने आंसू नहीं रोक सके।


उन्होंने बताया कि किस तरह से दिल्ली में महाशय लक्ष्मीचंद ने उनको आगे बढ़ने में सहयोग किया। इसी के साथ श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के  राज्य मंत्री अतुल गर्ग ने अपने विचार व्यक्त किये। राज्यमंत्री ने कहा कि महाशय जी का जाना समाज के लिए बड़ी क्षति रही है । जिसे पूरा कर पाना शायद संभव नहीं होगा । अब हमें महाशय जी के बताएं रास्तों पर चलकर उनके कामों को आगे बढ़ाना होगा ।


 पूर्व केंद्रीय मंत्री और गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा ने कहा कि जब समाज से महाशय लक्ष्मी चंद आर्य जैसी शख्सियत चली जाती है तो उसकी भरपाई करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है । शर्मा ने कहा कि महाशय जी सभी धर्म और जातियों को बराबर मानते थे और सबको साथ लेकर चलते थे।


प्रदेश के पूर्व मंत्री लखीराम नागर ने महाशय लक्ष्मीचंद जी की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को मौजूद जनमानस के सामने रखते हुए कहा कि उन्होंने इसी गांव कचैड़ा में दुग्ध विक्रेताओं के लिए बहुत बड़ा काम किया था। जब उत्तर प्रदेश सरकार ने दुग्ध विक्रेताओं पर टैक्स लगा दिया था। इस टैक्स को इसी गांव के अंदर हटाने का काम महाशय लक्ष्मी चंद आर्य ने किया। उन्होंने प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल मोतीलाल वोरा के समक्ष यह समस्या रखी रखी जिसका उन्होंने तुरंत निदान कर दिया ।


 सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि दिल्ली जैसे केंद्र में 65 बीघा जमीन गौ सदन के लिए अलाट कराने का दम केवल महाशय लक्ष्मण लक्ष्मी चंद आर्य में ही था । महाशय जी ने देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से कहकर दिल्ली के गाजीपुर में गौ सदन के लिए 65 बीघा जमीन एलॉट करा कर देश के बच्चे गौ सेवकों में अपना नाम दर्ज करा लिया। देश का शायद ही कोई ऐसा गौ सेवक होगा जो दिल्ली जैसी राजधानी में डेढ़ हजार गायों को पालता हो। लेकिन महाशय लक्ष्मी चंद आर्य  ने इस असंभव कार्य को संभव कर दिखाया । इसके साथ ही साक्षी महाराज ने लक्ष्मी चंद आर्य को याद करते हुए बताया कि किस तरह से उन्होंने गौ रक्षा आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया था । साथ ही उन्होंने कहा कि आज हमारी सरकार जो गौ रक्षा का संकल्प लिए हुए हैं, उसका कंसेप्ट बीस पच्चीस साल पहले महाशय लक्ष्मीचंद आर्य ने ही तैयार किया था।


 नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने महाशय लक्ष्मी चंद आर्य को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके बिना आर्य समाज ही नहीं बल्कि गांव देहात के  वे लोग अधूरे हो गए हैं जो उनके बताए रास्तों पर चलते थे । महाशय लक्ष्मी चंद आर्य ने लोगों को सदा ही सद मार्ग पर चलने की शिक्षा दी । भाजपा विधायक प्रशांत चौधरी ने कहा कि चौधरी लक्ष्मीचंद आर्य एक ऐसी शख्सियत थे जिनके चेहरे को देख कर ही विरोधियों के तेवर ढीले हो जाया करते थे । महाशय लक्ष्मीचंदआर्य जब किसी काम को अपने हाथ में ले लेते थे तो उसे पूरा करके ही मानते थे। इसके लिए उन्हें चाहे कुछ भी करना पड़ता था । महाशय जी के दर पर जो भी कोई अपनी समस्या लेकर गया वह समस्या का समाधान ही लेकर आया । आज तक कोई ऐसा शख्स नहीं था जिसको उन्होंने कभी निराश किया हो ।


 हरियाणा के विधायक बचन सिंह आर्य ने कहा कि मुझे पता भी नहीं था कि मेरा टिकट हो रहा है। लेकिन महाशय लक्ष्मीचंद आर्य जी ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने रातो रात मेरा टिकट करा लिया। उन्होंने कहा कि आज जो मैं  कुछ भी हूं सब महाशय जी की बदौलत हू।


विधायक बचन सिंह आर्य ने कहा की उन्होंने कभी नहीं चाहा कि उन्हें कोई पद मिले । ना उनके मन में पद की कोई लालसा थी। वह सिर्फ दूसरों के लिए जीते थे । इसका सबसे बड़ा उदाहरण मेरा आज विधायक बनना है । दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर ने महाशय  लक्ष्मी चंद आर्य जी की यादों को ताजा करते हुए कहा कि मेरी राजनीतिक जीवन में उनका बड़ा योगदान रहा। जब भी मुझे कोई परेशानी खड़ी होती है तो वह मेरे साथ जब तक रहते जब तक की परेशानी खत्म नहीं हो जाती। आज ऐसे समय में मुझे उनकी बहुत याद आ रही है।


विधायक तेजपाल नागर ने कहा कि महाशय लक्ष्मीचंद आर्य जी की रिक्त स्थान की पूर्ति नहीं की जा सकती । पूर्व सांसद और मीरपुर के विधायक अवतार सिंह भड़ाना हेलीकॉप्टर के वजह से कार्यक्रम में देरी से पहुंचे । इसी के साथ खेकड़ा के पूर्व विधायक रूप चौधरी ने भी महाशय लक्ष्मी चंद आर्य की मूर्ति पर पुष्प अर्जित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी ,सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष फकीरचंद नागर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामशरण नागर, ईश्वर मावी, समाजवादी पार्टी हापुड़ के जिला अध्यक्ष सुबोध नागर, मास्टर राजपाल कसाना , मौजी राम नागर, जतन प्रधान घरबरा अंतराम तवर , अनिल आर्य सुभाष भाटी,  श्री चंद शर्मा  पूर्व प्रधान वीरपाल चौधरी,  सुनील फौजी सहित हजारों लोगों ने महाशय लक्ष्मी चंद आर्य जी को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी । इस अवसर पर उनके पुत्र देवेश चौधरी, विनय चौधरी ,भतीजे राजेंद्र चौधरी , भांजे पुष्पेंद्र प्रधान, पियुष गर्ग , अभय चौधरी, अजय नागर, राहुल नागर सहित परिजनों ने मोहन सिंह वैदिक विधालय में कार्यक्रम के शुरू में पूजा अर्चना की । वैदिक रीति रिवाज से हवन किया गया और वेदों का उच्चारण किया गया।  साथ ही स्टेज पर भजन आदि के कार्यक्रम किए गए। मंच संचालन महिपाल आर्य ने किया ।