नई दिल्ली। दिसंबर 2019 में शीतलहर का प्रकोप जिस तरह लगातार बना हुआ है, उसे देखते हुए लगता है कि इस बार 118 साल का रिकॉर्ड टूट जाएगा। 2019 का दिसंबर माह 1901 के बाद सबसे ठंडा साबित हो सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार इससे पहले 1919, 1929, 1961 और 1997 में ही ऐसा हुआ है जब दिसंबर का औसत अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम रहा हो। इस साल भी 26 दिसंबर तक दिल्ली का अधिकतम तापमान 19.85 डिग्री सेल्सियस रहा है, जबकि 31 दिसंबर तक यह और गिरकर 19.15 डिग्री सेल्सियस पहुंच सकता है। अगर ऐसा हुआ तो 1901 के बाद यह दूसरा सबसे ठंडा दिसंबर बन जाएगा। मालूम हो कि दिसंबर 1901 में औसत अधिकतम तापमान 17.3 डिग्री सेल्सियस रहा था। गुरुवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 13.7 डिग्री और न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम का पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट वेदर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भुवनेश्वर, पूरी, कोलकाता सहित ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। वहीं अमृतसर, लुधियाना और अलवर सहित पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के कुछ और इलाके भीषण शीतलहर की चपेट में आएंगे। उत्तर भारत के कई हिस्सों में कोहरे के कारण ट्रेनों के आवागमन पर असर पड़ा है। शुक्रवार को रेलवे से प्राप्त सूचना के मुताबिक, दिल्ली आने-जाने वाली 21 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। उत्तर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली आने जाने वाली 21 ट्रेनें दो से छह घंटे की देरी से चल रही हैं। जबलपुर-नई दिल्ली महाकौशल एक्सप्रेस छह घंटे की देरी से, रीवा-आनंद विहार एक्सप्रेस चार घंटे देर से चली।
कश्मीर में डल झील समेत कई जलस्त्रोतों में पानी बर्फ की चादर में बदलता जा रहा है। जम्मू और श्रीनगर के दिन के तापमान में सिर्फ दो डिग्री सेल्सियस का अंतर है। जम्मू में दिन का तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस जबकि श्रीनगर का 8.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं, लेह गुरुवार को सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान माइनस 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा उत्तराखंड में भी आठ शहरों में न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रिकार्ड किया गया। वहीं, चमोली के जोशीमठ और कुमाऊं के मुक्तेश्वर में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। हिमाचल में भी छह स्थानों में तापमान जमाव बिंदु से नीचे रहा।