नोएडा। इस बार अकेले दम पर नोएडा प्राधिकरण द्वारा सेक्टर 33 में आयोजित शिल्पोत्सव कड़ाके की ठंढ़ में भी खूब रौनक बना हुआ है और बिक्री भी खूब हो रही है। कारण नोएडा के शिल्प हाट में चल रहा शिल्पोत्सव लोगों को खूब भा रहा है।
21 दिसंबर से 29 दिसंबर तक आयोजित इस शिल्पोत्सव में अलग- अलग राज्यों के शिल्पियों की कला कौशल लोगों को देखने को मिल रही है। कल अखिरी दिन है और लोगों की भीड़ भी काफी बढ़ रही है।
शुरू के दिनों में तो ऐसा लगा जैसे शिल्पोत्सव इस बार घाटे का सौदा रहेगा। परंतु इस बार नोएडा प्राधिकरण द्वारा होर्डिंग्स के माध्यम से शहर के तकरीबन हर सेक्टरों में खूब प्रचार-प्रसार किया गया, जिसका असर है कि कड़ाके की ठंढ़ में भी लोग खरीददारी करने के लिए शिल्पोत्सव में झुंड- झुंड पहुंच रहे हैं।
आखिर के दिनों में बाजार में काफी चहल पहल है। लोगों को चीजें भी पसंद आ रही है। साथ ही रेट भी बहुत ही उचित लग रहे हैं। लोगों की भीड़ को देखते हुए दुकानदारों के चेहरे भी खिल उठे हैं। वहीं शाम होते- होते भीड़ और भी बढ़ रही है।
इसमें आनेवाले लोगों का कहना है कि दिल्ली की तरह नोएडा का यह शिल्पोत्सव भी उन्हें काफी पसंद आ रहा है। इसके साथ ही यहाँ फ़ूड कोर्ट भी लगाए गए हैं, जहां लोग अलग -आग व्यजनों का लुफ्त उठा रहे हैं। लोगों के मनोरंजन के लिए कलाकार अलग -अलग कार्यक्रम भी पेश कर रहे हैं, कभी नृत्यसे तो कभी संगीत के माध्यम के साथ।
नोएडा के सीईओ रितु महेश्वरी का प्रयास रंग ला रही है। नोएडा के सेक्टर 33 शिल्पहाट में शिल्पोत्सव के शिल्पियों की कला बेहद खूबसूरत व बेजोड़ है। लोगों का कहना है कि इस शिल्पोत्सव में सभी तरह की चीजें मिल रही है। कुछलोग दीवार पर सजने वाले लकड़ी के फ्रेम खरीद रहे हैं
कुछ लोगों को लकड़ी से निर्मित डिजाइन वाली विभिन्न चीजें पसंद आ रही है। खास बात यह है कि इनकी कीमत भी अधिक नही हैं। वही महिलाओं को कश्मीरी कंबल, गर्म कपड़े, बेग सभी चीजें सामान्य किमत पर मिल रहे हैं। लोगों को वह चीजें ज्यादा पसंद आ रहे हैं, जो चीजें ज्यादा महंगा नहीं हैं। सभी सामान की कीमत इस प्रकार है कि कोई आम इंसान भी इसे खरीद सकता है।
खास बात यह है कि सभी शिल्पियों ने अपनी कला को बहुत ही सुंदर तरीके से लोगों के सामने पेश किया है। दुकानदारों को आज और कल इस शिल्पोत्सव में काफी भीड़ आने की उम्मीद है। कुल मिलाकर यह शिल्पोत्सव सफल माना जा रहा है। हालांकि नोएडा प्राधिकरण को इसके लिए बहुत पहले से ही तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए, ताकि शिल्पोत्सव में और वैरायटी आ सके तथा दूर - दूर से खरीददार पहुंच सकें। उम्मीद की जाने चाहिए कि नोएडा का यह शिल्पोत्सव देश की राजधानी दिल्ली सहित दुनियां में बड़ा केंद्र बने और इसकी शोहरत कामयाब हो।