श्याम सुंदर दास चौरसिया 5 जनवरी को जंतर मंतर पर फूकेंगे शंखनाद

जनहित किसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम सुंदर दास चौरसिया 5 जनवरी को जंतर पर करेंगे शंखनाद
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 5 जनवरी 2020 को दिल्ली के जंतर मंतर पर अपने अधिकार के लिए व राजनीतिक भागीदारी हेतु जनहित किसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम सुंदर दास चौरसिया शंखनाद करेंगे।
पान, किसान, बेरोजगार, पिछड़ा अति पिछड़ा सभी के हक के लिए जंतर मंतर पर एक दिवसीय कार्यक्रम रखा गया है। उनके मुद्दे हैं


1. पान को कृषि का दर्जा मिलना चाहिए।
2. पंचायत चुनाव की तरह विधानसभा,लोकसभा चुनावों में भी पिछड़े व अति पिछड़ो को आरक्षण होना चाहिए। 
3. कृषि व शिक्षा लोन ब्याज मुक्त होना चाहिए।
4. किसान को अपने फसल का  मूल्य निर्धारण करने के लिए मंडियों का निर्माण ब्लॉक स्तर पर होना चाहिए।
5. पान विकास निगम का गठन किया जाना चाहिए प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर।
6. प्राईवेट स्कूल और प्राईवेट अस्पताल की मनमानी  लूट पर तत्काल रोक लगे।
7. हटाए जा रहे पटरी दुकानदारों को  सरकार  उनकी दुकान लगाने की व्यवस्था करे।
8. पढ़े- लिखे बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी निकाल कर भर्ती प्रक्रिया शुरू किया जाए।
9. जमीदारों की 12.50 एकड़ से अधिक भूमि को 
 भूमिहीनों में बाटने की व्यवस्था हो।
10. जमींदारी प्रथाओं को सभी राज्यों से समाप्त किया जाए।
11. जैसे कई राज्यों में गुटखा बंद किया गया है वैसे ही दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी गुटखा बंद हो।


निश्चय ही श्याम सुंदर दास चौरसिया दिल्ली के जंतर मंतर के मंच से अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे, जहां हर राजनीति दलों सहित सामाजिक संगठनों द्वारा आवाज़ बुलंद की जाती है। निश्चय ही चौरसिया समाज के लिए यह गर्व की बात है कि कोई तो है जो भटकते हुए व नेतृत्व विहीन समाज के लिए कुछ बात उस जगह पर रखेंगे, जहां की अहमियत देश व्यापी होता है। यह आवाज़ उन मठाधीशों के पेट में सांप लोटने के समान है, जो सिर्फ और सिर्फ अपने लिए ही सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हैं और चौरसिया समाज को भ्रम अथवा अंधेरे में रखना चाहते हैं। परिणाम चाहे जो कुछ निकले, पर श्याम सुंदर दास चौरसिया उन आवाज को राष्ट्रीय मंच पर उठाएंगे, जो मठाधीशों को पूर्व में आवाज बुलंद करना चाहिए था। मौका है चौरसिया समाज को एक बार एकजुटता दिखाते हुए श्याम सुंदर दास चौरसिया के साथ खड़े होने का एवं अपनी ताकत का एहसास दिलाने का। देखना है कि चौरसिया समाज को दिशा देने का दंभ भरने वाले मशीही लोग उनका साथ देने जंतर मंतर पर पहुंचते हैं या नहीं।