यमुना प्राधिकरण के घोटालेबाज पूर्व एसीईओ सतीश कुमार गिरफ्तार, 126 करोड़ रूपये घोटाले का है आरोप

 नोएडा। ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा टु पुलिस ने  रविवार को यमुना विकास प्राधिकरण के 126 करोड़ रुपये के घोटाले में वांछित चल रहे यमुना विकास प्राधिकरण के पूर्व एसीईओ सतीश कुमार पुत्र रामेश्वर प्रसाद निवासी मूल पता ग्राम अछौया थाना झिंझाना जनपद शामली हाल निवासी डी 6/104, सुपरटेक सीजार सोसायटी सैक्टर ओमीक्रोन प्रथम थाना दादरी ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्धनगर को गिरफ्तार कर लिया।



सतीश कुमार थाना बीटा टु के मुकदमा अपराध संख्या 421/18 धारा 420,467,468,471,120 बी भादवि व 13(1)सी, 13(1) डी, 13,12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और मुकदमा अपराध संख्या 209/19 धारा 218,420,467,468,471, 120बी भादवि व 13 भष्ट्राचार अधिनियम के तहत वांछित चल रहा थे।


गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता व कुछ अन्य के खिलाफ एसएसपी के आदेश पर कासना थाने में 3 जून 2018 को मुकदमा दर्ज हुआ था। पीसी गुप्ता ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर प्राधिकरण को 126 करोड़ का चूना लगाया है। इसके अलावा आरोप ये भी है कि पीसी गुप्ता ने पहले कंपनियां बनाकर किसानों से जमीन खरीदी और फिर यही जमीन प्राधिकरण ने ऊंचे दामो में खरीद ली थी।


मामला सामने आने के बाद यमुना प्रराधिकर के चेयरमैन प्रभात कुमार ने पीसी गुप्ता के खिलाफ थाना कासना में एफआईआर दर्ज करवाई थी। एक रिपोर्ट के अध्ययन के बाद कमिश्नर को भ्रष्टाचार की आशंका हुई। इसके बाद कमिश्नर ने खुद इस मामले की जांच शुरू कर दी। जांच में पाया गया कि तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता ने अन्य अफसरों, रिश्तेदारों और दलालों के साथ मिलकर मास्टर प्लान से अलग हटकर 19 सेल कम्पनीयां बनायी और इन कंपनियों के माध्यम से मथुरा जिले के सात गांवों की 57.15 हेक्टेयर भूमि और ग्रेटर नोएडा के जहाँगीरपुर कस्बे मे कुछ भूमि खरीदी गई। इसके बाद इन कंपनियों के माध्यम से साजिश करके यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में जमीन खरीदवा दी और प्राधिकरण मे 126.42 करोड़ रुपये के घोटाला किया। उन्होंने बिना किसी जरूरत और उपयोग के ये जमीन प्राधिकरण को खरीदवा दी थी। इससे यमुना प्राधिकरण को बड़ी वित्तीय हानि हुई है।


इतना ही नहीं जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस जमीन का निकट भविष्य में कोई उपयोग नहीं है। उपरोक्त अभियुक्त सतीश कुमार द्वारा 18 अप्रैल 2013 से 13 जुलाई 2015 तक उप/अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पद पर नियुक्त रहा है। इस घटना से सम्बन्धित जो भूमि घोटाला हुआ है उसका क्रय विक्रय व चिन्हिकरण से सम्बन्धित प्रत्रावलिया अभियुक्त के हस्ताक्षर से ही अग्रसारित की गयी। यह सम्पूर्ण घटना मे सक्रिय रुप से शामिल रहा है।


उसके आधार पर कासना थाने में तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता, डीसीईओ सतीश कुमार, बीपी सिंह ओएसडी, सुरेश चंद तहसीलदार, रणवीर सिंह तहसीलदार, चमन सिंह नायब तहसीलदार, अतुल कुमार सिंह प्रबंधक परियोजना, बृजेश कुमार प्रबंधक नियोजन और पंकज कुमार लेखपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी थी।


यमुना विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पी सी गुप्ता, संजीव कुमार, सत्येंद्र चौहान, सत्येंद्र सिंह, और रमेश बंसल को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। जबकि अभियुक्त सोनिया बंसल, गौरव कुमार, अनिल कुमार, मनोज कुमार जुगेश, ब्रजेश और रणबीर सिंह न्यायालय मे हाजिर हुए थे। पकड़े गए अभियुक्त के विरुद्ध पुलिस द्वारा आवश्यक वैधानिक कार्यवाही कर न्यायालय के समक्ष भेज दिया है।