नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले के एसएसपी वैभव कृष्ण को लेकर पुलिस विभाग सहित सियासी राजनीति में भी भूचाल आ गया है। मामला एसएसपी का एक लड़की से चेटिंग वीडियो वायरल का मामला है जिसे एसएसपी खुद साजिश का हिस्सा बता रहे हैं।
वैसे, एसएसपी वैभव कृष्ण ने अपने खुद के वीडियो वायरल होने के बाद 5 आईपीएस अफसरों पर उनको बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इसको लेकर उन्होंने डीजीपी और अपर मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है।
वैभव कृष्ण ने कहा है कि, मैंने पत्रकारिता के नाम पर संगठित गिरोह चलाने वाले कथित पत्रकारों उदित गोयल, सुशील पंडित व चंदन राय को जेल भेजा था। इसी मामले में लखनऊ के नितीश शुक्ला के खिलाफ भी कार्रवाई हुई थी। चंदन की आईपीएस अजयपाल शर्मा, आईपीएस सुधीर सिंह, आईपीएस हिमांशु कुमार, आईपीएस राजीव नारायण मिश्रा और आईपीएस गणेश साहा के साथ ट्रांसफर पोस्टिग को लेकर की गई बातचीत व वाट्सएप चैटिंग सामने आई थी। उसी समय से मेरे खिलाफ लगातार साजिश हो रही है। अब निजी तौर पर बदनाम करने के लिए फेक वीडियो वायरल किए जा रहे हैं।
दरअसल, कथित वीडियो बुधवार देर शाम वायरल हुआ था। इसमें एसएसपी लेटे हुए लड़की से चैटिंग करते दिखाई दे रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस वीडियो को चैट करने वाली लड़की ने खुद ही रिकार्ड किया है और फिर उसे वायरल किया। कथित वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी वैभव कृष्ण ने कहा, मेरे नाम से 3 फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं। उसमें पीछे से किसी लड़की की आवाज सुनाई दे रही। यह साजिश के तहत मुझे बदनाम करने के लिए वायरल किए गए। इस संबंध में विधिक कार्रवाई के लिए थाना सेक्टर 20 नोएडा में एफआइआर पंजीकृत की जा रही है। पुलिस महा निरीक्षक मेरठ से अनुरोध कर इसकी विवेचना किसी अन्य जिले से निष्पक्ष रूप से कराए जाने का अनुरोध किया जाएगा। ताकि इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
एसएसपी ने कहा, पिछले एक साल में कई संगठित अपराध, अपराधियों और कई भ्रष्टाचार के मामले का खुलासा किया गया। कई सफेदपोश दलाली एवं एक्सटॉर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। ऐसा लग रहा है कि इन सब कारणों से तिल मिलाकर व्यक्तिगत छवि खराब करने के लिए इस तरीके की हरकत की गई।
उधर, सोशल एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित अश्लील वीडियो प्रकरण और उनके द्वारा 5 आईपीएस अफसरों अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा तथा गणेश साहा पर लगाए गए आरोपों के संबंध में सीबीआई जांच की मांग की है।
एसएसपी नोएडा वैभव ने उनका अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद आईपीएस अफसर अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा तथा गणेश साहा पर ट्रान्सफर-पोस्टिंग का धंधा चलाने और षडयंत्र के तहत उनकी मॉर्फ वीडियो बनाने के आरोप लगाए थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे अपने पत्र में नूतन ठाकुर ने कहा कि वैभव कृष्ण ने पूर्व में इन अफसरों द्वारा थानाध्यक्षों की ट्रान्सफर पोस्टिंग में 30-80 लाख रुपये लेने की शिकायत अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी तथा डीजीपी ओपी सिंह को शिकायत की थी, किन्तु इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जो अत्यंत आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि ये सभी अफसर ओपी सिंह के ख़ास माने जाते हैं।
इसलिए उन्होंने वैभव कृष्ण की रिपोर्ट की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही उन्होंने उनसे संबंधित वीडियो की उनसे जूनियर अफसर सुमन सौरभ की जगह प्रदेश के बाहर के साइबर सेल से जांच की मांग की है। नूतन ने कहा है कि ये कार्रवाई मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के दावे को सही ठहराने के लिए जरूरी है।
बता दें कि जिला गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कप्तान वैभव कृष्ण ने अपना एक 'फर्जी वीडियो' सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले में थाना सेक्टर 20 में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में उन्होंने थाना सेक्टर 20 में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट और विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया है।
बहरहाल, जांच की आंच दूर तक जा सकती है।सीबीआई जांच हुई तो और कई लपेटे में आ सकते हैं, क्योंकि पुलिस, पत्रकार ही नहीं, कई सफेदपोश भी लपेटे में आ सकते हैं।
समाज सेविका द्वारा मुख्यमंत्री को भेजा गया पत्र
सेवा में,
श्री योगी आदित्यनाथ,
मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ
विषय- श्री वैभव कृष्ण, वर्तमान एसएसपी नॉएडा से संबंधित विभिन्न प्रकरण विषयक
महोदय,
कृपया अनुरोध है कि आज दिनांक 2020/02/01 को विभिन्न समाचारपत्रों में श्री वैभव कृष्ण, आईपीएस, वर्तमान एसएसपी नॉएडा से संबंधित तमाम समाचार प्रकाशित हुए हैं। इन समाचारों में मुख्य रूप से श्री वैभव कृष्ण का एक कथित अश्लील विडियो वायरल होने तथा इस संबंध में थाना सेक्टर -20, जनपद नॉएडा में अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होने तथा श्री वैभव कृष्ण द्वारा पत्रकारों को 5 पृष्ठ का एक प्रेस नोट देकर 5 आईपीएस अफसर श्री अजयपाल शर्मा, श्री सुधीर सिंह, श्री हिमांशु कुमार, श्री राजीव नारायण मिश्रा तथा श्री गणेश साहा द्वारा ट्रान्सफर-पोस्टिंग क धंधा चलाये जाने तथा श्री कृष्ण द्वारा इस संबंध में आपके कार्यालय, गृह विभाग तथा डीजीपी से पत्राचार करने के कारण इन अफसरों द्वारा षडयंत्र के तहत इस विडियो को मॉर्फ़ कर जारी किये जाने के आरोप सम्मिलित हैं।
इस संबंध में समस्त महत्वपूर्ण समाचारों में प्रकाशित समाचार संलग्न हैं, जिनसे समस्त तथ्य स्वतः ही स्पष्ट हो जाते हैं। श्री वैभव कृष्ण के कथित नोट मे इन अफसरों द्वारा थानाध्यक्षों की पोस्टिंग, ट्रान्सफर में 80 लाख, 30 लाख, 40 लाख, 50 लाख जैसी बड़े-बड़े धनराशि मांगे जाने की शिकायतें अकित हैं।
श्री कृष्ण के अनुसार उन्होंने आपके कार्यालय, अपर मुख्य सचिव गृह तथा डीजीपी को इस संबंध में विस्तृत तथा तथ्यात्मक आख्या साक्ष्य सहित प्रेषित की जिसके कारण उनके विरुद्ध यह षडयंत्र कर अश्लील विडियो जारी किया गया है। जाहिर है कि ये सभी अत्यंत गंभीर आरोप हैं, जिसमे ट्रान्सफर-पोस्टिंग के नाम पर लाखों-करोड़ों लेने की बात स्वयं एक आईपीएस अफसर द्वारा कहा गया है।
यह अत्यंत कष्ट तथा घोर आपत्ति का विषय है कि श्री वैभव कृष्ण द्वारा इस रिपोर्ट के बाद भी आपके कार्यालय, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी तथा डीजीपी श्री ओ पी सिंह ने इसमें कुछ नहीं किया। यह भी सार्वजनिक चर्चा में है कि ये सभी अफसर श्री अजयपाल शर्मा, श्री सुधीर सिंह, श्री हिमांशु कुमार, श्री राजीव नारायण मिश्रा तथा श्री गणेश साहा डीजीपी श्री ओ पी सिंह के अत्यंत ख़ास तथा प्रिय माने जाते हैं जिन्हें निरंतर अच्छी पोस्टिंग दी जा रही है।
अतः इस प्रकरण में सीबीआई से उच्चस्तरीय तथा निष्पक्ष जाँच की तत्काल आवश्यकता है ताकि आप द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध कही जा रही बात वास्तव में चरितार्थ हो तथा इस प्रकरण में उच्चतम स्तर तक जो भी व्यक्ति सम्मिलित हैं, उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही हो सके।
साथ ही मैंने श्री वैभव कृष्ण से जुड़ा 0.26 तथा 0.41 मिनट का विडियो भी देखा है जो स्पष्टतया अश्लील है। यद्यपि यह एक व्यक्तिगत हरकत से संबंधित है किन्तु एक आईपीएस अफसर से इस प्रकार एक अन्य महिला से इस प्रकार का कथित कार्य निश्चित रूप से अपेक्षित नहीं है। संभव है कि यह विडियो फर्जी हो किन्तु यह भी संभव है कि यह विडियो सही हो। जो ही हो, इस विडियो की अच्च्स्तारिय जाँच आवश्यक है।
वर्तमान में डीजीपी श्री ओ पी सिंह ने इसकी जाँच श्री सुमन सौरभ को सौंपी है, जो 2014 बैच के हैं तथा श्री कृष्ण से 4 वर्ष जूनियर हैं। यह स्पष्टतया आपत्तिजनक एवं अनुचित है। जाहिर है कि एक जूनियर अधिकारी से इसकी निष्पक्ष जाँच नहीं हो सकती है।
अतः कृपया इस कथित विडियो की जाँच उत्तर प्रदेश से बाहर के किसी साइबर सेल से करवाए जाने की कृपा करें ताकि इसकी सत्यता वास्तविक रूप में सामने आ सके।
साथ ही जिस प्रकार श्री वैभव कृष्ण ने प्रेस नोट दे कर अपने साथी अफसरों के विरुद्ध तथ्य बताये हैं, उस संबंध में भी जाँच करवाए जाने की कृपा करें कि आखिर ऐसी कौन सी स्थितियां उत्पन्न हुईं कि उन्हें ये तथ्य सार्वजनिक करने पड़े तथा इस स्थिति हेतु कौन-कौन वरिष्ठ अफसर जिम्मेदार हैं, जिन्होंने तथ्यों को जानने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की तथा श्री वैभव कृष्ण को इन तथ्यों को सार्वजनिक करने क बाध्य किया।
कृपया इन जांचों के निष्कर्ष के आधार पर कठोरतम कार्यवाही संपादित करें ताकि भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन का नारा वास्तविक रूप में कार्य करता दिखे।
पत्र संख्या- NT / शिकायत / 01/20 भवदीय,
दिनांक- 2020/02/01
(डॉ नूतन ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ