लखनऊ। गौतमबुद्ध नगर जिले के एसएसपी वैभव कृष्ण के आरोपों पर जांच शुरू कर दी गई है. उल्लेखनीय है कि एसएसपी वैभव कृष्ण ने कुछ पुलिस अधिकारियों पर ट्रांसफर रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाया था. इस प्रकरण पर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हम इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं. इसी बीच एसएसपी नोएडा का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें नोएडा में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसकी जांच एसपी हापुड़ कर रहे हैं. आईजी मेरठ जोन इसको मॉनिटर कर रहे हैं. इसी बीच ये भी पता चला है कि कुछ गोपनीय दस्तावेज जो एसएसपी गौतमबुद्ध नगर ने जो सरकार को भेजा था, वो लीक हो गया है.
डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि इस मामले एसएसपी वैभव कृष्ण से पूछताछ की जा रही है कि आखिरकार उन्होंने गोपनीय दस्तावेज को क्यों लीक किया. ऑल इंडिया सर्विस कंडक्ट रूल की धारा 9 के तहत उनसे पूछताछ होगी. इस गोपनीय दस्तावेज में पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी मनोज भदौरिया का भी नाम भी शामिल हैं.
एसएसपी वैभव कृष्ण के वायरल विडियो के मामले ने पूरे सूबे के पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया है। 3 जनवरी को सुबह खुद यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और पूरे मामले पर रुख स्पष्ट किया।
मीडिया से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि इस मामले में जांच के लिए एडीजी मेरठ को 15 दिन का और वक्त दिया गया है। इसके साथ ही यूपी के पुलिस चीफ ने कहा कि एसएसपी नोएडा से पूछा जाएगा कि उन्होंने गोपनीय दस्तावेज क्यों वायरल किए।
ओपी सिंह ने कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'विडियो क्लिप वायरल हुआ है जिसके संबंध में एसएसपी नोएडा ने मुकदमा दर्ज कराया है। एसएसपी नोएडा ने गोपनीय दस्तावेज भेजे थे। जब हम लोगों को संज्ञान में आया तो निष्पक्षता के आधार पर केस हापुड़ ट्रांसफर कर दिया। एसपी हापुड़ इस मामले की जांच कर रहे हैं। आईजी मेरठ जोन इस मामले को नजदीकी से देखेंगे। एडीजी मेरठ से जांच करने को कहा गया है। एडीजी मेरठ ने जांच के लिए और समय मांगा है। हमने 15 दिन का और समय दिया है।'
डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एएससपी नोएडा से भी इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है कि आखिर गोपनीय पत्र वायल क्यों किए गए। डीजीपी ने कहा, 'गोपनीय दस्तावेज को वायरल करना गैरकानूनी है। गोपनीय दस्तावेज के साथ ऑडियो क्लिप भी था। एएसपी से हम पूछेंगे कि क्यों दस्तावेज को वायरल किया गया।