नई दिल्ली। नतीजा कुछ भी हो, केजरीवाल ने साबित कर दिया कि सरकार कैसे चलाई जाती है। सरकार का मतलब सिर्फ पुल- फ़्लाईओवर उद्घाटन करना, मीटिंग लेना, डांट-डपट करना, ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होता है। सरकार का मतलब जिस जनता ने चुना हैं, उसकी कठिनाइयों और परेशानियों को दूर करना होता है। इसमे कोई दो राय नहीं हैं कि केजरीवाल सरकार ने अपना पूरा ध्यान इस ओर दिया है।
लोगों को और क्या चाहिए। अगर बिजली मुफ्त, पानी मुफ्त, शिक्षा-स्वस्थ्य बढ़िया, यातायात सुविधा, सुरक्षा हो तो जनता तो बार-बार ऐसी सरकार ही चुनेगी। केजरीवाल सरकार ने दूसरे राज्यों की सरकारों के लिए चुनौती पेश कर दी है कि वे भी उनके जैसे बिजली, पानी, शिक्षा, स्वस्थ्य मुफ्त करके दिखाये। अगर वे नहीं कर पाये तो जनता उन्हें फिर दोबारा क्यों चुनेगी?
केजरीवाल ने एक बार में दिल्ली में स्कूल में फीस वृद्धि की समस्या को खत्म कर दिया। बढ़ी हुई फीस वापस हो गई। लेकिन यूपी में लोग तीन साल से चिल्लाते रहे, कोई सुनने वाला नहीं हैं। यूपी में तीन बार बिजली की दरें बढ़ाई गई।
सबसे बड़ी चुनौती तो योगी को मिली है। दिल्ली में बिजली, पानी, शिक्षा, स्वस्थ्य हर चीज़ सस्ती, वही, पडौस में यूपी में हर चीज़ महंगी।
बीजेपी को इस पर गौर करना होगा, वर्ना, यहां भी वो ही हाल होगा, जो झारखंड में हुआ है।