कोरोना वायरस के मद्देनजर कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर में 5 अप्रैल तक धारा 144 लागू की गई

नोएडा। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखकर आज जनपद गौतम बुद्ध नगर में धारा 144 लागू की गई है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से भारत तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण बढ़ता जा रहा है। इस बाबत पुलिस आयुक्त गौतम बुद्ध नगर द्वारा विस्तृत एडवाइजरी जारी की गई है।
 नोएडा में तथा भारत के अनेक नगरों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान भी हुई है। अतः लोगों के मध्य जागरूकता फैलाने एवं भय को दूर किए जाने तथा लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु यह आवश्यक कदम बताते हुए यहां अपर पुलिस उपायुक्त कानून एवं व्यवस्था आशुतोष द्विवेदी द्वारा धारा 144 लागू की गई है। 



आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि सभी सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, खेल संबंधी, व्यापारिक प्रदर्शन या रैलियां, जुलूस तथा इस प्रकार के अन्य सभी कार्यक्रमों को 5 अप्रैल 2020 तक प्रतिबंधित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि वायरस के संक्रमण किसी भी व्यक्ति की जानकारी होने पर तत्काल उसकी सूचना चिकित्सा विभाग, हॉस्पिटल को देना होगा और किसी भी प्रकार से इस तथ्य को छुपाया न  जा सकेगा। इसका उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा 188, 269 एवं 270 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा।


क्या है धारा-144
सीआरपीसी के तहत आने वाली धारा-144 शांति व्यवस्था कायम करने के लिए लगाई जाती है. इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट यानी जिलाधिकारी एक नोटिफिकेशन जारी करता है. और जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां चार या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं. इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस स्थान पर हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है.


क्या है सजा का प्रावधान
धारा-144 का उल्लंघन करने वाले या इस धारा का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है. उस व्यक्ति की गिरफ्तारी धारा-107 या फिर धारा-151 के तहत की जा सकती है. इस धारा का उल्लंघन करने वाले या पालन नहीं करने के आरोपी को एक साल कैद की सजा भी हो सकती है. वैसे यह एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत हो जाती है.


क्या है दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी)
दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्यवन के लिये मुख्य कानून है. यह सन् 1973 में पारित हुआ था. इसे देश में 1 अप्रैल 1974 को लागू किया गया. दंड प्रक्रिया संहिता का संक्षिप्त नाम 'सीआरपीसी' है. जब कोई अपराध किया जाता है, तो सदैव दो प्रक्रियाएं होती हैं, जिन्हें पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है. एक प्रक्रिया पीड़ित के संबंध में और दूसरी आरोपी के संबंध में होती है. सीआरपीसी में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.


खराब व्यवहार की इजाजत नहीं देता कानून
कुछ प्रकार के मानव व्यवहार ऐसे होते हैं जिसकी कानून इजाजत नहीं देता. ऐसे व्यवहार करने पर किसी व्यक्ति को उसके नतीजे भुगतने पड़ते हैं. खराब व्यवहार को अपराध या गुनाह कहते हैं. और इसके नतीजों को दंड यानी सजा कहा जाता है.