नोएडा के सीजफायर कम्पनी कोरोना वाइरस के मामले में कैसे कुख्यात हुआ, जरूर पढ़ें


नोएडा। विशेष सचिव नियोजन से गौतमबुद्ध नगर जिले के जिलाधिकारी बने सुहास एलवाई पदभार संभालते ही आज एक्शन मोड में आ गए हैं। उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए सीजफायर कंपनी को सील करवा दिया है। साथ ही कंपनी के ऑडिटर पर भी केस दर्ज करने का आदेश दिया है। यह वही कंपनी है जिसका डायरेक्टर कोरोना पॉजिटिव पाया गया है और अब तक कंपनी में काम करने वालों के संपर्क में आने से नोएडा के ही 24 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।


 यह कंपनी नोएडा में कोरोना वाइरस के खतरनाक मामले को लेकर यूपी में कुख्यात हो गया है। इस कंपनी की लापरवाही ने उत्तर प्रदेश के सियासी राजनीति में भूचाल ला दिया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नोएडा आना पड़ा। लापरवाही का आलम रहा तो जिलाधिकारी बीएन सिंह को यहां से ट्रांसफर करते हुए जांच के आदेश दे दिए गए हैं।


कम्पनी के मालिकान व मैनेजमेंट का गैर जिम्मेदाराना बड़ी चूक ने नोएडा के सेक्टर 135 केे सीजफायर इंडस्ट्रीज के  कारण दो राज्य के 6 शहरों में 33 लोगों को चपेट में ले लिया है। कहा जा रहा है कि इससे अन्य कितने लोग भी चपेट में आ सकते हैं। फिलवक्त इसका आकलन करना अभी मुश्किल है। इस संक्रमण से जूझ रहे सभी लोगों को अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है।



स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन तथा सरकार के कड़े रुख के कारण अब जाकर संक्रमण के जड़ को खंगाला जा रहा है। बता दें कि इस कंपनी में एक ब्रिटिश नागरिक जॉन ऑडिट करने आया था। उसके संपर्क से कई कर्मचारियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझना पड़ा। साथ ही उसके परिवार के कई लोग भी उसके चपेट में आ रहे हैं। अब तक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुल 24 मामले सामने आए हैं,  जबकि बरेली में 6 और बुलंदशहर तथा गाजियाबाद और फरीदाबाद में एक-एक व्यक्ति इसके चपेट में आ चुके हैं।


बताया गया है यह सभी कर्मचारी सीजफायर इंडस्ट्रीज में नौकरी करते थे। इसमें ग्रेटर नोएडा के एक कर्मचारी का 2 साल का बच्चा भी चपेट में आ चुका है। कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए इसी ब्रिटिश नागरिक को इसका जिम्मेदार ठहराया गया है। गौतमबुद्ध नगर केे स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई जांच में यह तथ्य सामने आया है।


 बता दें कि कंपनी के निदेशक 1 मार्च को यूके से लौटकर भारत आया था और 7 मार्च को उनके स्टाफ ऑफिसर वहां से लौट कर आए थे। 14, 15 और 17 मार्च को उस कंपनी में एक विदेशी ऑडिटर जॉन आकर कंपनी में ऑडिट किया था। पर, कंपनी प्रबंधकों ने इसकी सूचना छुपा लिया था तथा स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा। इस चूक ने नोएडा, गौतम बुद्ध नगर में हलचल मचा दिया है और कई लोग इसके चपेट में आ गए हैं। साथ ही और कई लोगों के आने की अंदेशा व्यक्त की जा रही है।