नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना वायरस का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। इस पर विराम लगाने की तमाम कोशिशें विफल साबित हो रही है। बावजूद दुनिया की सरकारें कोरोना वायरस की हाहाकार के बीच अपनी सेवाएं जारी कर रखी है। अभी तक दुनिया में कोरोना का सफल इलाज संभव नहींं हो सका है।
भारत में भी यह प्रकोप लगातार तेजी से बढ़ते जा रहा है। भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या बुधवार को बढ़कर 1,834 तक पहुंच गई, जबकि मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई। कोरोना वायरस के मामलों में इजाफे के लिहाज से एक दिन में अब तक की सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है और 437 मामले दर्ज किये गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कोविड-19 के 1,649 रोगियों का इलाज चल रहा है, जबकि 143 लोग ठीक हो चुके हैं। अपडेट किए गए आंकड़े के मुताबिक, मौत के तीन मामले नए हैं, जिनमें एक मौत पश्चिम बंगाल में और दो उत्तर प्रदेश में हुई हैं।
रेलवे दिल्ली में पांच ट्रेनों में तब्लीगी जमात में भाग लेने वाले लोगों के साथ सफर शुरू करने वाले हजारों यात्रियों के बारे में जानकारी जुटा रहा है। गौरतलब है कि तब्लीगी जमात के कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
ये सभी ट्रेनें 13 से 19 मार्च के बीच दिल्ली से रवाना हुईं थीं। इनमें आंध्र प्रदेश को जाने वाली दुरंतो एक्सप्रेस, चेन्नई तक जाने वाली ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस, चेन्नई को ही जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस, नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस और एपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस शामिल हैं।
हालांकि रेलवे के पास जमातियों के संपर्क में आए लोगों की वास्तविक संख्या नहीं हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक ट्रेन में लगभग 1000-1200 यात्री और रेलवे कर्मचारी होते हैं, जिन सभी को खतरा हो सकता है।
उधर, अथॉरिटीज की तरफ से तबलीगी जमात के मरकज में आयोजित धार्मिक समारोह में शामिल होने वाले करीब 6 से हजार से ज्यादा लोगों की पहचान की गई है।
निजामुद्दीन के मरकज से अलग-अलग राज्यों में गए लोगों के चलते पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के मामले में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। निजामुद्दीन के तबलीगी जमात में शामिल हुए अब तक करीब 5 हजार से ज्यादा लोगों को अलग-अलग राज्यों में क्वारंटाइन किया गया या फिर उन्हें अस्पतालों में भेजा गया है, जबकि गुजरात, तमिलनाडु और तेलंगाना में अन्य 2 हजार लोगों की तलाश की जा रही है।
वे इस लिस्ट में विदेशी भी शामिल हैं, साथ ही कुछ वो लोग भी हैं जिनकी राज्य सरकार की तरफ से पहचान की गई है, लेकिन वे अभी दिल्ली से अपने राज्य वापस नहीं लौटे हैं। अथॉरिटीज को अब इस बात का डर सता रहा है कि तबलीगी जमात में आए लोगों के चलते कोविड-19 के पॉजिटिव का आंकड़ा काफी बढ़ सकता है।