2018-2019 के आयकर रिटर्न फाइल 31 जुलाई तक करें, होगा फायदेमंद
 


नई दिल्ली।  वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इस वर्ष आयकर रिटर्न फाइल करने की तिथि है  31 जुलाई 2019.  लेकिन अंतिम तारीख का इंतजार किए बगैर रिटर्न फाइल करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। तय तारीख तक रिटर्न नहीं भरने पर आपको आयकर विभाग को जुर्माना चुकाने के साथ जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। साथ ही अन्य तरह का आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।


अंतिम तारीख तक रिटर्न दाखिल नहीं करने पर आयकर विभाग आपको नोटिस भेजता है। इसके बाद आप जवाब देते हैं। अगर अधिकारी आपके जवाब से संतुष्ट नहीं होता है और जांच में साबित होता है कि आपने जानबूझकर टैक्स रिटर्न नहीं भरा है तो तीन माह से दो साल तक की जेल हो सकती है।


तीन माह से सात साल तक की जेल रिटर्न में देरी पर।
एक हजार जुर्माना रिटर्न में देरी पर, पांच लाख से कम आय पर।
पांच हजार जुर्माना 31 जुलाई के बाद और 31 दिसंबर तक रिटर्न भरने पर।
दस हजार जुर्माना 1 जनवरी से 31 मार्च तक रिटर्न भरने पर।


अंतिम तारीख तक रिटर्न नहीं भरने पर विभाग सबसे पहले नोटिस भेजता है जिसमें यह बताने को कहा जाता है कि आपने रिटर्न क्यों नहीं भरा। टैक्स सलाहकारों का कहना है कि नोटिस मिलने पर घबराने की जरूरत नहीं है। कर अधिकारी टैक्स नहीं भर पाने की सही वजह जानना चाहते हैं। सही वजह बताने पर जुर्माना लगा कर रिटर्न भरने की अनुमति मिल जाती है।


आप आयकर रिटर्न तय तारीख के जितना दिन बाद रिटर्न भरते हैं उतना ज्यादा ही आर्थिक नुकसान होता है। टैक्स सलाहकार के.सी.गोदुका का कहना है कि जब आप रिटर्न फाइल करते हैं तो टीडीएस या अन्य रूप में अधिक चुकाए गए कर को आयकर विभाग रिफंड करता है। साथ ही इसपर ब्याज भी देता है। लेकिन देरी से भरने पर ब्याज नहीं देता है।


जब करदाता सही समय पर रिटर्न भरता है तो विभाग उसे कई तरह की रियायतें देता है। इसके तहत कारोबार या शेयर में हुए नुकसान की भरपाई का लाभ टैक्स छूट के रूप में मिलता है। वहीं मकान बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई अगले आठ वित्त वर्ष में पूरा करने की छूट मिलती है। लेकिन रिटर्न भरने में देरी पर ये लाभ नहीं मिलते हैं। अन्य फायदे भी नहीं मिलते हैं।


जब करदाता सही समय पर रिटर्न भरता है तो विभाग उसे कई तरह की रियायतें देता है। इसके तहत कारोबार या शेयर में हुए नुकसान की भरपाई का लाभ टैक्स छूट के रूप में मिलता है। वहीं मकान बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई अगले आठ वित्त वर्ष में पूरा करने की छूट मिलती है। लेकिन रिटर्न भरने में देरी पर ये लाभ नहीं मिलते हैं। अन्य फायदे भी नहीं मिलते हैं। ( साभार)