नई दिल्ली। झारखंड में 2020 का वर्ष झामुमो के लिए कयामत का साल है। इस साल पुत्र हेमंत सोरेन ने जहां झारखंड राज्य की मुख्यमंत्री का कमान संभाल रहे हैं, वहीं पिता तीसरी बार राज्य सभा पहुंचने को तैयार हैं। आज उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष और प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन तीसरी बार राज्यसभा पहुंचेंगे. बुधवार (11 मार्च, 2020) को झारखंड विधानसभा में उन्होंने राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस नेता एवं मंत्री रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम और महागठबंधन के कई बड़े उनके नामांकन के समय मौजूद थे.
संघर्ष और झारखंड आंदोलन से निकले दिशोम गुरु शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं. वर्ष 1998 में और वर्ष 2002 में वह राज्यसभा के सदस्य चुने गये थे. उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देकर दुमका से लोकसभा का उपचुनाव जीता था. 1977 में शिबू सोरेन पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 1980 में वह पहली बार लोकसभा के सांसद चुने गये.
वर्ष 2009 में गुरुजी फिर झारखंड के मुख्यमंत्री बने. इस बार भी उनका कार्यकाल पूरा न हो सका. शपथ ग्रहण के कुछ महीनों बाद ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से समर्थन नहीं मिलने की वजह से वह बहुमत साबित नहीं कर सके. गुरुजी को फिर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि शिबू सोरेन झारखंड के ऐसे राजनेता हैं, जिसके इर्द-गिर्द ही प्रदेश की पूरी राजनीति घूमती है. अपनी पार्टी झामुमो के वह सबसे बड़े और सर्वमान्य नेता हैं. झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के भी वह निर्विवाद सर्वमान्य नेता हैं. ऐसा लग रहा था कि गुरुजी अब राजनीति से संन्यास ले लेंगे, लेकिन 76 साल की उम्र में गुरुजी दिल्ली की राजनीति में वापसी करने जा रहे हैं.