आबादी नियमावली के नाम पर प्राधिकरण किसानों को कर रहा गुमराह: परविंदर

नोएडा। आज देश में  लॉकडाऊन की स्थिति है। वहीं, किसानों के धरना- प्रदर्शनों पर भी रोक लगी हुई है। ऐसे समय में सरकार ने तीनों प्राधिकरणों को जनपद के किसानों की लम्बे समय से चली आ रही समस्याओं को 3 में निस्तारण करने के निर्देश दिये हैं।


भारतीय किसान संगठन के जिला अध्यक्ष परविन्दर यादव ने कहा कि 2/3/2020 को मा.मुख्यमंत्री  की अध्यक्षता में किसान प्रतिनिधियों के साथ किसानों की समस्याओं को लेकर एक बैठक सम्पन्न हुई थी जिसमें किसानों ने प्राधिकरण के अधिकारियों पर गाँव कि पुरानी आबादियों,धर्म स्थलों व स्कुलों को गलत अधिग्रहण करने के गम्भीर आरोप लगाये थे, जिसपर मुख्य मंत्री ने स्पष्ट कहा था कि जब तक  गढी-चौखंढी के भूमि अभिग्रहण की सच्चाई सामने ना आ जाए तब तक किसी भी किसान का कोई घर नहीं छेड़ा जाएगा और गलत अधिग्रहण करने वाले अधिकारियों की सूची बनाकर तत्काल उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएंगी व सभी किसानों के 10 प्रतिशत आवासीय भूखंड के लाभ को लेकर भी मुख्य मंत्री ने जनप्रतिनिधियों के साथ एक कमेटी गठित करने के निर्देश प्राधिकरण के अधिकारियों को दिये थे।



इस बात को दरकिनार करते हुए प्रदेश के औधोगिक  विकास आयुक्त आलोक टंड़न ने इस लॉकडाऊन में किसानों को गुमराह करते हुए आबादी नियमावली 2011 के अनुसार किसानों की आबादी निस्तारण करने के निर्देश दिये हैं, जबकि 2017 से ही तीनों प्राधिकरण की बैकलीज घोटाले की जांच ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर के नेतृत्व में चल रही है।जब तक वह जांच जारी रहेगी तब तक कोई भी ज़मीन छोड़ने पर प्राधिकरण निर्णय नहीं ले सकता है।


 भारतीय किसान संगठन के प्रवक्ता रवि यादव ने कहा ये किसानों को गुमराह करने की साजिश है व जान बूझकर प्राधिकरण किसान विरोधी नीति ला रहा है ताकि इस  लॉकडाऊन में किसान इन गलत नीतियों का विरोध न कर सके।


जिला अध्यक्ष परविन्दर यादव ने कहा कि लॉकडाऊन खुलने के बाद जन प्रतिनिधियों से मुलाकात कर 2011आबादी नियमावली का विरोध किया जाएगा तथा गढी चौखंढी के भूमि अभिग्रहण की सही जांच कर उक्त दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की जाएगी वही जनप्रतिनिधियों से 10 प्रतिशत आवासीय भूखंड के मामले में एक कमेटी गठित कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।