निरहुआ का चुनावी सियासी रंग

नई दिल्ली।  इस चुनाव में सियासी घमासान के बीच नेताओं की तरफ से आपत्तिजनक बयानबाजी भी तेज हो गई है। सभी पार्टियों ने चुनाव के  के मद्देनजर पार्टियों का चुनावी अभियान जारी है. अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी दिग्गज उम्मीदवार अपने संसदीय क्षेत्रों का दिन-रात दौरा कर रहे हैं और अच्छा  माहौल बनाने की कोशिश में जुटे हैं.


इस बीच बताते चले भोजपुरी के जाने माने  सुपरस्टार और यूपी के आजमगढ़ सीट से बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला । उन्होंने कहा कि शत्रुघ्न को खामोश कहने की आदत है, लेकिन सब खामोश हो जाएं ऐसा हो ही नहीं सकता। वहीं राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें 2 नहीं 5 जगहों से चुनाव लड़ना चाहिए। ‘निरहुआ’ ने कुछ एक्टरों के भाजपा  को वोट न देने की अपील करने को लेकर कहा कि ऐसे लोगों को पाक भेज देना चाहिए।
निरहुआ ने कहा कि यह सच है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश ‘भैया’ ने जनवरी 2017 में मुझे यश भारती पुरस्कार दिया लेकिन राजनीति तो विचारों की लड़ाई है। इसमें यह देखना होगा कि जनता का भला किसमें है। मूल रूप से गाजीपुर जिले के टड़वां गांव के रहने वाले दिनेश लाल यादव पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। आजमगढ़ से उनकी राह आसान नहीं कही जा सकती, क्योंकि उनके सामने समाजवादियों का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर सपा अध्यक्ष अखिलेश मैदान में हैं। इस बारे में निरहुआ का कहना है ”मैंने हमेशा ही मुश्किल डगर चुनी है, अगर आसान डगर लूंगा तो जीना बेकार है। मुझे असम्भव को सम्भव बनाना है।


निरहुआ ने बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा ”बहन जी दलितों की राजनीति करती हैं, मगर 38 में से एक भी सीट पर दलित को टिकट नहीं दिया। अखिलेश यादवों के नेता बनते हैं। वह बताएं कि उन्होंने पूर्वांचल में कितने यादवों को टिकट दिया है?” उन्होंने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसमें लोकतंत्र बाकी है। इसके साधारण कार्यकर्ता में भी अगर क्षमता है तो वह देश का प्रधानमंत्री बन सकता है। दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को वर्ष 2003 में आये अलबम ‘निरहुआ सटल रहे’ से लोकप्रियता मिली थी और इसने बिक्री के तमाम रिकॉर्ड तोड़ डाले थे। उनकी फिल्म ‘निरहुआ रिक्शावाला’ ऐसी पहली भोजपुरी फिल्म थी जो विदेश में भी रिलीज हुई।