संगीत की दुनिया में तेजी से नाम रौशन कर रही है शैफाली चौरसिया

संगीत की दुनिया में स्वर-लहरियों की तान बिखेर रही है पान विक्रेता की बेटी शैफाली चौरसिया
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मुम्बई के बड़े प्लेटफार्म पर शोहरत बटोर रही शैफाली
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शैफाली को संगीत भूषण सहित कई बड़े नामचीन अवॉर्ड मिल चुके हैं
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संगीत की दुनिया कुदरत की नायाब नियामत है। संगीत की मधुर आवाज खुद-ब-खुद आपको खींच लेती है अपनी ओर। आप चाहकर भी उससे अपना ध्यान नहीं हटा पाते। आपकी नजरें उस आवाज के जादुगर को तलाशने लगती हैं। चाह होती है, तो बस उसके दीदार की, जिसने आपके कदमों को बांध लिया है, किसी मीठी जंजीर की तरह।
कहते हैं जिनकी आवाज मीठी होती है उनके स्वर में साक्षात सरस्वती का वास होता है। अगर ऐसी सुर मलिका और नैनपुर एवं मंडला की शान कहे जाने वाली शैफाली चौरसिया की दी जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आज नैनपुर से लेकर जबलपुर, नागपुर और अब मुंबई में जाकर अपनी आवाज का जादू बिखेर रही है और अपनी लोहा मनवा रही है।



विभिन्न मंचों में अपनी गायकी का जादू बिखेरने के बाद अब वह मुंबई के बड़े प्लेटफार्म पर अपनी मौजूदगी का अहसास करा रही है।
नैनपुर में पैदा हुई शैफाली चौरसिया के पिता पान विक्रेता हैं। बचपन में गायन शक्ति की पहचान होते ही शैफाली एवं उसके माता-पिता ने संगीत की शिक्षा देनी शुरू की। शुरुआत नैनपुर से करते हुए जबलपुर एवं नागपुर में संगीत विशारद की उपाधि हासिल की। नागपुर में पंडित प्रभाकर ठाकरे से उन्होंने क्लासिकल और वेस्टर्न संगीत की शिक्षा हासिल की। नागपुर में संगीत भूषण की उपाधि प्राप्त की। फिल्मी दुनिया में पार्श्व गायिका ऋतु पाठक के साथ में गायन किया।
विश्व प्रसिद्ध गायक हरिहरन के साथ भी शैफाली ने पार्श्व गायन किया है। वहीं बॉलीवुड के प्रख्यात गायक मोहम्मद अजीज के साथ भी उन्होंने कई गाने गाए हैं। विभिन्न मंचों से उन्होंने बड़े-बड़े सम्मान प्राप्त किए हैं। विभिन्न हस्तियों के साथ मुंबई में आज वह पार्श्व गायन कर रही है। उनमें आत्मविश्वास लबालब भरा हुआ है। और आने वाले समय में वह खुद को बॉलीवुड में पार्श्व गायिका के रूप में स्थापित करना और देखना चाहती है।



पांच साल की आयु से संगीत साधना करने वाली शैफाली ने अपनी लगन और मेहनत के दम पर वो मुकाम हासिल किया है, जो हर किसी का सपना होता है।



शैफाली चौरसिया को नागपुर की तुकोजीराव महाराज यूनिवर्सिटी ने संगीत विधा में अव्वल आने पर दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल दिया। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल विद्या सागर राव, केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी, पूर्व कुलपति डॉक्टर प्रमोद योले और पद्मभूषण शिव नारद उपस्थित रहे थे।
शैफाली के मधुर आवाज के सभी कायल हैं। उनकी मधुर आवाज को सुनने के लिए यू-ट्यूब पर बहुत से लोग उन्हें सर्च करते हैं। नैनपुर, मंडला के साथ ही पूरे देश के लिए ये खुशी व गर्व की बात है। गर्व इस बात की भी है कि वह चौरसिया समाज का नाम रौशन कर रही है।
चौरसिया समाज के लोगों को चाहिए कि समाज के छुपे प्रतिभावानों को चाहे वे किसी भी क्षेत्र से हों, उन्हें उभारने की पूरी तव्वजों देनी होगी। खासकर नवोदित प्रतिभावानों को यह अलभ्य अवसर जरूर प्रदान करें।