मेरठ में हिंदुओं के पलायन फर्जी निकला, दरअसल उनका निजी मामला था
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में प्रहलाद नगर मोहल्ले के 100 बहुसंख्यक परिवारों के पलायन की खबर आने से लखनऊ से दिल्ली तक हड़कंप मच गया। ऐसा तब हुआ जब इन घरों की दीवारों पर कथित तौर पर 'यह मकान बिकाऊ' लिखा देखा गया। कुछ मीडिया हाउस ने स्थानीय खबरों के हवाले से बताया कि ये परिवार दबाव की वजह से पलायन कर रहे हैं। हालांकि मामले की जब गहन पड़ताल की गई तो पूरी सच्चाई सामने आ गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी रविवार (30 जून, 2019) को पलायन की खबरों को फर्जी करार देते हुए इसे निजी मामला बताया।

वहीं स्थानीय स्तर पर मामले की पड़ताल की गई तो पता चला की कुछ लोगों ने आपसी विवाद की वजह से अपने घरों के बाहर 'मकान बिकाऊ है' लिख दिया। ऐसा लिखने के पीछे न तो कोई सांप्रदायिक कारण था और नहीं कोई अन्य बड़ी वजह। मामले में सीएम योगी ने कहा, 'कोई पलायन नहीं कर रहा। मेरठ में लोगों के बीच आपसी विवाद के कुछ मामले हो सकते हैं। पलायन जैसी कोई बात नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'कोई भी पलायन नहीं कर रहा है। अब जब हम सत्ता में आए हैं तो कौन पलायन करेगा। व्यक्तिगत विवादों के कुछ मामले हो सकते हैं लेकिन कोई पलायन नहीं है।'









  


दरअसल मामला तब प्रकाश में आया जब सामाजिक कार्यकर्ता भावेश मेहता ने नमो एप पर शिकायत की कि प्रहलाद नगर से बहुसंख्यक समुदाय के लोग बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग डर की वजह से घर बेचकर जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'कॉलेनी में एक संप्रदाय विशेष का आतंक है। महिलाओं से सरेआम छेड़छाड़ की जा रही है। विरोध पर मारपीट तक की नौबत आ जाती है। इस वजह से हिंदू घर बेचकर जा रहे हैं।'