ग्रेटर नोएडा ने औद्योगिक इकाई के लिए किसानों से जमीन लेना शुरू किया, स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने पर संशय बरकरार

 


ग्रेटर नोएडा।  यहां प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा में आद्योगिक इकाई लगाने के लिए 16 गांवों में जमीन खरीदनी शुरू कर दी है। बताया गया है कि यह शुरुआत लड़पुरा गांव से हुई है। लेकिन स्थानीय युवको को अपनी जमीन के बदले कितना रोजगार मिलेगा, अभी यह स्पष्ट नहीं है। हालांकि किसान इस बात से सशंकित हैं कि उनके बच्चों को रोजगार मिलेगा या नहीं।



ग्रेटर नोएडा में क्षेत्र में  विदेशी बड़े पैमाने पर जैसे चीन, कोरिया, अमेरिका, जापान समेत कई देशों की कंपनी इंडस्ट्री में निवेश करने के लिए आगे आ रही हैं, लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास जमीन कम है। अथॉरिटी ने कंपनियों को जमीन अलॉट करने के लिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ईस्ट एरिया में 16 गांवों की जमीन पर इंडस्ट्री लगाने का फैसला लिया है। 


लेकिन ग्रेटर नोएडा और नोएडा में प्राधिकरण ने पहले भी किसानों और गांववासियों की जमीन ली थी। मुआवजा भी दिया, लेकिन रोजगार नही। ग्रेटर नोएडा और नोएडा की इंडस्ट्री में देखा गया है कि स्थानीय लोगों को रोजगार नही दिया जाता। ग्रेटर नोएडा ने बेरोजगार युवकों का कहना है कि जब जमीन भी हमारी गांव भी हमारे तो हमें रोजगार क्यों नही। 


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एसीईओ ने इन गांवों में किसानों से जल्दी जमीन खरीदने के लिए प्राधिकरण के तीन तहसीलदारों को गांव बांटकर स्पेशल तौर पर ड्यूटी लगाई है। उद्योगपतियों की डिमांड पर प्राधिकरण ने इन गांवों में किसानों से सीधे जमीन खरीदने के लिए खसरा नंबरों का प्रकाशन कराना शुरू कर दिया है। प्राधिकरण ने सबसे पहले लड़पुरा गांव की जमीन का प्रकाशन किया है। सीईओ ने बताया कि जिस गांव की जमीन खरीदने के लिए प्रकाशन होगा। उस गांव में कैंप लगाकर किसानों की मुआवजे की फाइलें तैयार कराई जाएंगी ।


हालांकि किसान रोजगार की मांग को लेकर लामबद्ध हो रहे हैं, जो एक आंदोलन का कारण बन सकता है।