जब गांधी जी को ही पॉलीथिन में कर दिया गया कैद, फिर कैसे होगा पॉलोथिन मुक्त का सपना साकार

नोएडा।  नोएडा में दो बड़ी प्लान के लिए पूरी ताकत झोंकी जा रही है। एक नोएडा को स्मार्ट सिटी बनाने के लिये तो दूसरा नोएडा शहर को पॉलिथीन मुक्त कराने के लिए। पर, जनता में जितनी जागरूकता है, सरकारी अमला उतना ही संवेदनशील नहीं है। यहां सिर्फ पब्लिक से ही बड़ी उम्मीदें की जाती है और मामले को उनपर थोप दिया जाता है। जनता तथा जनप्रतिनिधियों से संवाद करने की जगह यहां अफसरशाही चढ़कर शिर बोलता है। सारे के सारे उनके स्वयं के निर्णय जनता पर थोपने की कोशिश योजना को विफल बनाता है। शहर में जिस तरह योजना विहीन डायवर्जन किया गया है, वह पूर्व के प्लांनिग और योजनाकारों के सपनों को धूमिल कर रहा है, जैसे वे गलत थे !



बहरहाल,  2 अक्टूबर को देश भर में महात्मा गांधी का 150 वां जन्म दिवस मनाने की तैयारियां जोरों से चल रही है और  नोएडा प्राधिकरण द्वारा शहर को पॉलीथीन मुक्त करने का अभियान जोर-  शोर से चलाया जा रहा है। छोटे दुकानदार पॉलीथिन से तौबा कर रहे हैं, वहीं ब्रांडधारी कंपनियों के सामान पोलोथिन में आ रहे हैं, और दुकानों में सजे साफ दिखाई दे जाते हैं।


एक ताजा मामला नोएडा सेक्टर-91 स्थित बायोडायवर्सिटी पार्क में लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा का है, जिसे  पॉलीथीन से ही कैद कर दिया गया है। इस प्रतिमा का अनावरण भारत छोड़ो आंदोलन की 77 वीं वर्षगांठ के अवसर पर उद्योग मंत्री सतीश महाना ने किया था। ऐसे में प्रश्न उठ रहा कि पॉलीथीन पर रोक कैसे लगेगी, जबकि जनता पर कार्रवाई करने वाले ही इसका प्रयोग करने से बाज नहीं आ रहे हैं।