मर्डर केस खुलासा: एमबीबीएस में दाखिला और सीट दिलाने वाले एक बड़े गैंग सक्रिय, 3 आरोपी पकड़े गए

** नोएडा एक्सप्रेसवे थाना पुलिस ने किया ब्लाइंड मर्डर का खुलासा



नोएडा। निजी कम्पनी के मैनेजर की हत्या का मामला सामने आया है।  हत्या की घटना खुलने से एक बहुत बड़े गैंग का खुलासा हुआ जो एमबीबीएस में दाखिला और सीट दिलाने वाले गैंग है। पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार कर  1 लाख रुपए ,24 मोहरे, विजिटिंग एंट्री रजिस्टर, 6 फाइलें, एक डायरी , 1 चेन , 1 अंगूठी पीतल धातु की बनी और एक कार को बरामद किया है। पूरी घटना का विवरण इस प्रकार है-


  दिनांक 9-9-2019 को  यमुना डूब क्षेत्र ग्राम वाजिदपुर में खेतों के मध्य चकरोड पर एक अज्ञात पुरुष का  हत्या कर फेंका गया शव बरामद हुआ था । इस मामले में थाना एक्सप्रेस वे पर मुकदमा अपराध संख्या 287/2019 धारा 302 201 आईपीसी का अभियोग पंजीकृत हुआ था । मीडिया प्लेटफॉर्म पर अज्ञात शव के फोटो को देखकर एक व्यक्ति द्वारा प्रभारी निरीक्षक थाना एक्सप्रेसवे से सम्पर्क किया गया। अपना नाम पता पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर इस व्यक्ति ने बताया कि मैं "क्रेक योर कैरिअर" नाम की कम्पनी में कर्मचारी हूँ । हमारी कम्पनी का हेड आफिस जनकपुरी दिल्ली में है। हमारी कम्पनी का एक ब्रांच ऑफिस सेक्टर 4,  नोएडा में भी है।
दिनांक 9-9-2019 को जिस व्यक्ति का शव आपके थाने में बरामद हुआ है , वह हमारी कम्पनी के उच्च स्तरीय पदाधिकारी हैं ।  इनका नाम ऋषि उर्फ संजीव है । "क्रेक योर कैरिअर" के इस महत्वपूर्ण सूत्र ने पुलिस को ऋषी के दो मोबाइल नम्बर भी दिए । पुलिस द्वारा दोनों नम्बरों पर कॉल की गई तो दोनों नम्बर बन्द आ रहे थे । इन मोबाइल नम्बरों में से एक नम्बर ममता रावत पत्नी संजीव रावत निवासी साहिबाबाद, गाजियाबाद के नाम पर पंजीकृत था । इस मोबाइल नम्बर के पंजीकरण फॉर्म में एक अन्य ऑल्टरनेटिव मोबाइल नम्बर अंकित पाया गया । 


भुवनेश कुमार, प्रभारी निरीक्षक, एक्सप्रेस वे द्वारा इस नम्बर पर सम्पर्क किये जाने पर काल अटेंड करने वाली महिला द्वारा अपना नाम ममता रावत पत्नि संजीव रावत वर्तमान निवासी अनिल बिहार, खोड़ा कॉलोनी, गाज़ियाबाद बताया गया । संजीव रावत के सम्बंध में पूछा गया तो ममता रावत ने बताया कि संजीव रावत उनके पति हैं जो सेक्टर 4 नोएडा में "क्रेक योर कैरिअर"  कम्पनी में काम करते हैं जो दिनांक 8-9-2019 की रात से लापता हैं। 
श्रीमती ममता रावत को थाना एक्सप्रेस वे बुलाकर मृतक के फोटो व कपड़ों की पहचान कराई गयी तो श्रीमति ममता रावत ने मृतक के फोटो एवं कपड़ों को देखकर मृतक की शिनाख्त अपने पति संजीव रावत के रूप में की है । मृतक की पत्नी के द्वारा विवेचक को हत्या की इस वारदात में संदिग्ध के रूप में ट्रेक योर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के हरेन्द्र सिंह , विक्रम सिंह, समीर राय  आदि व्यक्तियों के बारे में बताया गया।  ममता रावत के द्वारा बताए गए कि किराए की और कंपनी का हेड ऑफिस जनकपुरी दिल्ली में था तथा ब्रांच ऑफिस सेक्टर 4 नोएडा में था । ममता रावत द्वारा उसके पति संजीव रावत के साथ कंपनी में काम करने वाले कुछ लोगों के फोटो आदि विवरण भी उपलब्ध कराया गया । बीती रात समय करीब 10:30 बजे  भुवनेश कुमार प्रभारी निरीक्षक एक्सप्रेसवे व इनकी टीम द्वारा मृतक संजीव रावत की हत्या में शामिल अभियुक्त गण नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह पुत्र धनंजय सिंह, निखिल गौरव उर्फ समीर राय पुत्र दरेश कुमार निवासी गण पटना बिहार तथा धीरेंद्र कुमार शर्मा उर्फ सोनल सिंह पुत्र राम आशीष निवासी जनपद आजमगढ़ हाल निवासी नागलोई दिल्ली को गिफ्तार किया गया ।


गिरफ्तार अभियुक्त गण के कब्जे से मृतक संजीव रावत  को कंपनी द्वारा प्रदान की गई स्विफ्ट डिजायर कार रजिस्ट्रेशन नंबर  यूपी 16 सीटी 5388 , विभिन्न मेडिकल कॉलेजों आदि की 24 मोहरों,  ₹1,00,000/= नगद,  एमबीबीएस की प्रवेश परीक्षा "नीट" देने वाले परीक्षार्थियों के डाटा से संबंधित 6 फाइलें ,  एक विजिटर रजिस्टर , एक एंट्री रजिस्टर,  9 मोबाइल फोन बरामद हुए ।
 हत्या के मामले की गई पूछताछ में पुलिस के समक्ष एक ऐसे गैंग का खुलासा हुआ  जो अंतरराज्य स्तर पर  एमबीबीएस की नीट परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों का डाटा इस्तेमाल कर  उनके अभिभावकों से  एमबीबीएस कॉलेजों में एडमिशन दिलाने के नाम पर भारी धनराशि  की ठगी कर रहा था । मृतक संजीव रावत भी इसी गैंग का सदस्य था । गैंग के सदस्यों से विस्तृत पूछताछ में सामने आया कि यह  उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त गैंग है।  गैंग में 2 सदस्य एमबीए एक सदस्य बीटेक तथा अन्य सदस्य विभिन्न विषयों में स्नातक हैं ।              


 इस गैंग का मास्टरमाइंड नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र वर्ष 2013 में बैंगलोर से एमबीए है। हरेंद्र के द्वारा दिल्ली मुखर्जी नगर में रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी की गई  और UPSC एवं विभिन्न राज्यों की PCS की परीक्षायें भी दी गईं । दिल्ली में रहने के दौरान अभियुक्त नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र दिल्ली के एक व्यक्ति धीरेंद्र कुमार शर्मा उर्फ सोनल सिंह के परिचय में आया । धीरेंद्र कुमार शर्मा लोगों को रेलवे विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी किया करता था । नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र तथा धीरेंद्र कुमार शर्मा और सोनल सिंह ने साथ में मिलकर लोगों से रेलवे में भर्ती कराने के नाम पर पैसा ठगना  शुरू कर दिया । इस ठगी के मामले में दोनों की शिकायत दिल्ली क्राइम ब्रांच में भी हुई तथा दोनों अभियुक्त गण दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए जो चार महीने तिहाड़ जेल में भी बंद रहे ।
जेल से छूटने के बाद नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र ने मुखर्जी नगर में पीजी किराए पर लेकर  PG चलाने का काम शुरू कर दिया  किंतु पीजी के काम में मेहनत अधिक और आय सीमित थी। PG के काम के दौरान हरेंद्र के संपर्क में पटना बिहार का रहने वाला अभियुक्त अनवर उर्फ अवसार कादरी उर्फ मसरूल उल हक आया । अनवर दक्षिण भारत में एमबीबीएस के परीक्षार्थियों को ठगने के गैंग से जुड़ा हुआ था । अनवर अपने सूत्रों के जरिए नीट परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों का डाटा हासिल कर लेता था । अनवर से मिलने के बाद हरेंद्र सिंह ने भी एमबीबीएस नीट परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों के अभिभावकों को ठगने का काम शुरू कर दिया । अभियुक्त नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र ने वर्ष 2018 में नोएडा सेक्टर 62 में ग्लोबल कैरियर लिमिटेड नाम की कंपनी खोली और एमबीबीएस परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों के अभिभावकों से एमबीबीएस एडमिशन कराने के नाम पर भारी धनराशि की ठगी की गई ।


मृतक संजीव रावत उर्फ ऋषि सिंह भी अभियुक्त नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र के साथ नोएडा सेक्टर 62 में इस कंपनी में ठगी का काम करता था । जून-जुलाई-अगस्त 2018 में 3 महीने कंपनी ने सेक्टर 62 नोएडा में ठगी का काम किया । इसके बाद यह कंपनी लोगों के पैसे लेकर चंपत हो गई । कंपनी की कार्यशैली यह थी कि यह लोग 3 महीने तक परीक्षार्थियों के अभिभावकों को डाटा में उपलब्ध नंबरों की मदद से कॉल कर बुलाते थे तथा उन्हें विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का सब्जबाग दिखाया जाता था । इस काम के लिए गैंग विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के एडमिशन लेटर भी तैयार करता था । कंपनी के भागनें से पहले अंतिम 10 दिनों में गैंग परीक्षार्थियों के अभिभावकों से पैसों की उगाही प्रारंभ कर देता था । 10 दिन पैसों की उगाही करने के बाद गैंग ऑफिस बंद करके भाग जाता था।


सेक्टर 62 नोएडा में पिछले वर्ष कंपनी में काम करने के दौरान मृतक संजीव रावत उर्फ ऋषि सिंह के गैंग के मास्टरमाइंड नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र से घनिष्ठ संबंध हो गए । इन संबंधों के चलते अभियुक्त नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र ने मृतक संजीव रावत उर्फ ऋषि को अपनी मार्च 2019 में हुई शादी में जनपद औरंगाबाद बिहार मैं अपने गांव में भी बुलाया जहां मृतक संजीव रावत उर्फ ऋषि सिंह 15 दिन तक रहा । इन 15 दिनों में मृतक संजीव रावत उर्फ ऋषि ने गैंग के मास्टरमाइंड हरेंद्र के फ़ोटो, पते, मोबाइल नम्बर आदि के रूप में  काफी जानकारी इकट्ठा कर ली । गैंग के   मास्टर माइंड अभियुक्त नीरज कुमार सिंह ने इस वर्ष क्रैक योर करियर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जनकपुरी, नई दिल्ली तथा सेक्टर 4 नोएडा में अपने ऑफिस खोलें । 
मृतक संजीव उर्फ ऋषि को सेक्टर 4 नोएडा नोएडा ऑफिस में प्रशासनिक पद पर जिम्मेदारी दी गई । कंपनी में काम करने के दौरान मृतक संजीव रावत उर्फ ऋषि ने कंपनी के मेन बॉडी के अन्य सदस्यों के बारे में फोटो पते, मोबाइल नम्बर के रूप में डाटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया। इसकी जानकारी कंपनी के अन्य सदस्यों को भी हो गई । अपने पास एकत्र जानकारी का फायदा लेते हुए मृतक संजीव रावत उर्फ ऋषि कंपनी के कलेक्शन में से एक बड़े हिस्से की मांग करने लगा । मृतक संजीव रावत उर्फ ऋषि द्वारा कलेक्शन में से बड़े हिस्से की मांग को लेकर कंपनी के मेन बाडी के बाकी सदस्यों में असंतोष फैल गया और कंपनी के असंतुष्ट सदस्यों द्वारा मृतक संजीव रावत उर्फ ऋषि सिंह की हत्या का षड्यंत्र रच दिया गया ।


दिनांक 8 सितंबर 2019 की रात में क्रैक योर कैरियर कंपनी के सेक्टर 4 नोएडा ऑफिस में बैठकर रुपयों के बंटवारे की बात हुई और कंपनी के सदस्यों द्वारा शराब आदि का सेवन भी किया गया । उसी दौरान कंपनी के अन्य सदस्यों नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र आदि ने मृतक संजीव रावत को नशे में होने के कारण मारपीट कर बेहोश कर दिया । अभियुक्त नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र, समीर राय उर्फ निखिल गौरव,  विकास सिंह उर्फ अभिनव पांडे,  राजेश कुर्मी उर्फ प्रकाश यादव , अभिषेक आनंद उर्फ विक्रम ने संजीव रावत उर्फ ऋषि को बेहोशी की हालत में अभियुक्त नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र की मारुति ब्रेजा रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 16 सी सी 7997 में डाला ।  मृतक ऋषि की कार अभियुक्त द्वारा अभियुक्त समीर द्वारा आगे आगे रास्ता सुरक्षित देखने के उद्देश्य से चलाई गई ।


अभियुक्त गण द्वारा संजीव रावत उर्फ ऋषि को यमुना डूब क्षेत्र में फेंक कर उसको मारुति ब्रेजा गाड़ी से कुचल कुचल कर मार दिया गया । इसके बाद गैंग के सदस्य विभिन्न स्थानों को भाग गए । अभियुक्त नीरज कुमार सिंह एवं अभियुक्त समीर राय दिल्ली में ही रुक गए और नेताजी सुभाष मॉल, प्रीतमपुरा , नई दिल्ली में मिशन एडमिशन नाम से फिर एक नई कंपनी का कार्यालय खोलकर एमबीबीएस के परीक्षार्थियों के अभिभावकों से पैसे ठगने के काम को शुरू कर दिया । इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर अभियुक्त गण नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र सिंह समीर राय उर्फ निखिल गौरव धीरेंद्र कुमार शर्मा और सोनल सिंह पुलिस द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट से गिरफ्तार कर लिया गया ।  


पूछताछ में यह भी सामने आया है कि अभियुक्त नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र का पिछले वर्ष 2018 सेक्टर 62 नोएडा में ग्लोबल कैरियर कंपनी चलाने के दौरान हुई काली कमाई के बंटवारे के विवाद को लेकर गैंग के एक सदस्य रोशन से विवाद हो गया था । इस विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि अभियुक्त नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र नें अपनें अन्य साथियों के साथ मिलकर अपने ही गैंग के साथी रोशन की पिछले महीने अगस्त, 2019 में थाना बेऊर, जिला पटना ,बिहार में हत्या कर दी । अभियुक्त नीरज कुमार सिंह उर्फ हरेंद्र थाना बेवर जिला पटना बिहार में हुए इस हत्याकांड में भी वांछित चल रहा था । इसके अलावा इस गैंग द्वारा इस वर्ष 2019 में एमबीबीएस एडमिशन के नाम पर जो ठगी की गई है, उसके संबंध में थाना जनकपुरी नई दिल्ली में भी अभियोग पंजीकृत है जिसमें इस गैंग के सदस्य वांछित हैं