रिश्वत प्रकरण में एफएसओ कुलदीप व फायर वेंडर गिरफ्तार

नोएडा। नोएडा में फायर विभाग का एनओसी लेना आसान काम नहीं था। यहां रिश्वत का बड़ा खेल था। पूरा विभाग भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ था। एफएसओ कुलदीप कुमार का हनक था, जिसके कारण विभाग का कोई स्टाफ़ चाहकर भी कुछ नहीं कर पाता था। कुलदीप ने एक बड़ी टीम बना रखी थी, जो फैक्ट्री में जा-जाकर फायर सिस्टम के नाम पर उगाही करती थी। अपनी ऊंची पहुंच का झांसा देकर वह फैक्ट्री मालिकों से रौब भी झाड़ता था। यहां तक कि कई पत्रकारों को भी देख लेने की धमकी देता था। हालांकि जिले के कप्तान के सामने उसकी नहीं चली, और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।



गौतमबुद्दनगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने भ्रष्टाचार पर मुहिम जारी रखते हुए एक और करारा प्रहार किया है। जिले में एनओसी के नाम पर एफएसओ और फायर वेंडरों के बीच भ्रष्टाचार का पर्दाफाश कर दो अभियुक्तों अग्निशमन अधिकारी फेज वन कुलदीप कुमार और फायर वेंडर अरविंद गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से एक ऑडियो वायरल हो रहा था जिसमें दो व्यक्तियों के मध्य एनओसी को लेकर पैसे के लेन देन की वार्ता हो रही थी। इस सन्दर्भ में मुख्य अग्निशमन अधिकारी गौतमबुद्धनगर द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौतमबुद्धनगर को प्रेषित अपने पत्र में यह सम्भावन व्यक्त की गयी थी कि उक्त ऑडियो में एक आवाज एफएसओ फेज वन कुलदीप कुमार तथा दूसरी आवाज अरविन्द गुप्ता नामक फायर वेंडर की है। इसमें उनके द्वारा अनुरोध किया गया कि इस प्रकरण की जाँच करायी जाये।


उक्त के क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौतमबुद्धनगर वैभव कृष्ण द्वारा श्वेताभ पाण्डेय क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम को वायरल ऑडियो की जॉच करने हेतु आदेशित किया गया। क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम द्वारा अपनी जॉच आख्या 21 सितम्बर 2019 को प्रेषित की गयी जिसमें कुलदीप कुमार एफएसओ फेज वन तथा अरविन्द गुप्ता फायर वेंडर से पूछताछ में दोनों लोगों द्वारा स्वीकार किया गया की उक्त ऑडियो में जो वार्ता हो रही है उसमें इन्हीं की आवाज है। तथा उसमें जो पैसे के लेन देन की बात मई माह की है। जिसमें अरविन्द गुप्ता व एफएसओ के बीच बात हुई थी। अरविन्द गुप्ता द्वारा बताया गया कि इसमें जो 80,000 रूपये एफएसओ कुलदीप कुमार को देने तथा एनओसी प्राप्त करने की बात हो रही है। वह मदर हुड हास्पिटल सैक्टर-48 की बिल्डिंग का फायर सेफ्टी एनओसी प्राप्त करने के लिये हो रही है।


क्योंकि एफएसओ कुलदीप कुमार द्वारा मदर हुड हास्पिटल का भ्रमण किया गया था और उसमें कुछ कमियां पायी गयीं थी। उसी के संदर्भ में उनके द्वारा पैसे की मांग की गई थी। उक्त मदरहुड हॉस्पिटल रेहा हैल्थकेयर प्राईवेट लिमिटेड से सम्बन्धित नोएडा सैक्टर 48 में स्थित है। उक्त के अतिरिक्त जॉच के मध्य मुख्य अग्निशमन अधिकारी कार्यालय से प्रकरण के संबंध में जानकारी की गई तो पाया गया कि उपरोक्त मदर हुड हास्पिटल सैक्टर 48 की बिल्डिंग की एनओसी रेहा हैल्थकेयर प्राईवेट लिमिटेड, मदरहुड हास्पिटल यूनिट आफ समवेदना हैल्थ सर्विस प्राईवेट लिमिटेडके लिए की गयी थी।


जबकि बिल्डिंग ऑनर डिटेल में आवेदक का नाम रेहा हैल्थकेयर प्राईवेट लिमिटेड दर्शाया गया है। किन्तु ई-मेल आईडी fireprotection2019@gmail.com व मोबाईल नम्बर 8586990387 अंकित किया गया है। जो कि अरविन्द गुप्ता के कार्यालय की ई-मेल आईडी है। तथा मोबाईल नम्बर उसके कार्यालय में नियुक्त अभिषेक नाम के कर्मचारी का है। यह इसलिए किया गया है कि भवन की एनओसी से सम्बन्धित जो भी प्रगति हो उपरोक्त मोबाईल नम्बर व ई-मेल आईडी पर आये। और एनओसी भी उपरोक्त ई-मेल आईडी पर प्राप्त हो।सम्पूर्ण जाँच से वायरल ऑडियो तथा एफएसओ कुलदीप कुमार व फायर वेन्डर अरविन्द गुप्ता के बयानों से प्रथम दृष्टया यह सिद्ध होता है कि एफएसओ कुलदीप कुमार द्वारा लोक सेवक होते हुए एनओसी के नाम पर अनुचित लाभ प्राप्त किया गया। अरविन्द गुप्ता द्वारा गलत एनओसी प्राप्त करने हेतु एफएसओ को अनुचित लाभ दिया गया। और अग्निशमन विभाग के ऑनलाईन पोर्टल के बिल्डिंग ऑनर डिटेल में धोखाधड़ी कर अपने कार्यालय की ई-मेल आईडी तथा अपने कर्मचारी का मोबाईल नम्बर अंकित कर रेहा हैल्थकेयर प्राईवेट लिमिटेड के नाम से गलत तरीके से एनओसी प्राप्त की गई। उपरोक्त दोनों व्यक्तियों का यह कृत्य प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है।


इस प्रकार भ्रष्टाचार सिद्ध होने पर थाना सैक्टर 20 जनपद गौतमबुद्धनगर में एफएसओ कुलदीप कुमार व फायर वेंडर अरविन्द गुप्ता के विरूद्ध मुकदमा अपराध संख्या 1146/19 धारा 420,467,46/471 भादवि व 66 आईटी एक्ट व 7,8,13(1)(D) भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 यथा संशोधित अधिनियम 2018 पंजीकृत कर विवेचना विमल कुमार सिंह क्षेत्राधिकारी नगर तृतीय द्वारा करते हुये अभियुक्तगण एफएसओ कुलदीप कुमार व फायर वेंडर अरविन्द गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है।


उपरोक्त के अतिरिक्त मुख्य अग्निशमन अधिकारी जनपद गौतमबुद्धनगर से फायर वेंडर व अग्निशमन विभाग में एनओसी को लेकर व्याप्त अनियमितता से सम्बन्धित जॉच आख्या प्राप्त की गयी। जिनमें उनके द्वारा बताया गया है कि सात अलग अलग संगठित गिरोह द्वारा संगठित गिरोह बनाकर अपने तथा अपने सहयोगियों के नाम पर विभिन्न भवनों, स्कूलों, अस्पतालों, उधोगों के अग्निशमन विभाग से धोखाधड़ी कर लगभग 450 से अधिक एनओसी प्राप्त की गयी है। इस सन्दर्भ में थाना सेक्टर 20 पर अलग से सात प्रथम सूचना रिपोर्ट कमशः मुकदमा अपराध संख्या 1147/19, 1148/19, 1149/19, 1150/19, 1151/19,1152/19, 1153/19 अन्तर्गत धारा 420,467, 468, 471 भादवि अभियुक्तगण अनिल शर्मा, मनिराम डांडरियाल, देविका, देविका देशाई, जितेन्द्र मोनी, जितेन्द्र कुमार गौड,एमएसपीएल, अरविन्द कुमार गुप्ता,अरविन्द गुप्ता, विशाल ढिंगरा, मुकेश गुप्ता, इन्द्र कुमार मनी व गुरप्रीत सिंह के विरुद्ध दर्ज करायी गयी है।


अभियुक्तगण अरविन्द गुप्ता व कुलदीप कुमार से हुयी पूछताछ में यह बात स्पष्ट हुई है कि अभियुक्तगण द्वारा अग्निशमन विभाग में एनओसी के लिये अग्निशमन विभाग के पोर्टल में बिल्डिंग ऑनर डिटेल पेज पर बिल्डिंग ऑनर का नाम स्वंय या अपने किसी सहयोगी का अंकित करते थे। और ई मेल आईडी व मोबाइल नम्बर अपने या अपने किसी सहयोगी का अंकित करते थे। जबकि पता उसी बिल्डिग का करते थे जिससे कि जो भी प्रगति हो या एनओसी प्राप्त हो तो इन्ही को प्राप्त हो और अभियुक्तगणों सम्बन्धित बिल्डिग के वास्तविक ऑनर को भ्रमित करते हुये उससे अधिक पैसे ले सकें। कार्यवाही से अग्निशमन विभाग पर एनओसी प्राप्त करने हेतु लगने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों पर निश्चित ही अंकुश लगेगा तथा पारदर्शिता आयेगी।