यमुना एक्सप्रेसवे पर 2019 में अबतक दुर्घटना में 154 लोगों की हो चुकी है मौत

नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे जितना रफ़्तार का सबब है, उतना ही भयानक मौत का जलजला भी है। इस एक्सप्रेसवे का आंकड़ा देखें तो कई हादसे इतने बीभत्स थे कि देखकर रौंगटे खड़े हो गए। रफ़्तार ऐसी की जैसे हवाई जहाज में सैर! कई बार रफ़्तार और दुर्घटना को  लेकर मामले भी उठे, लेकिन परिणाम कुछ ज्यादा संतोष जनक नहीं निकला। 


एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर हुऐ हादसों में इस साल 2019 में अभी तक 154 लोगों ने अपनी जान गंवा चुके है। जो एक बहुत ही दर्दनाक बात है। दूसरे सड़कों से ज्यादा दुर्घनाएं होना यमुना एक्सप्रेसवे की पहचान बनता जा रहा है।



वर्ष 2019 में दिल्ली को आगरा से जोड़ने वाली इस 165 किलोमीटर लंबी सड़क पर 31 जुलाई तक 357 हादसे हुए। जिनमें 822 लोग घायल हुए और 145 ने अपनी जान गंवाई। यह जानकारी आगरा के वकील कृष्ण चंद जैन की ओर से सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में दी गई है।


इस साल अगस्त और सितंबर में ग्रेटर नोएडा में एक्सप्रेसवे पर तीन सड़क हादसों की जानकारी दी थी। जिसमें तीन छात्रों सहित नौ लोगों की मौत हुई थी। इस प्रकार इस साल अब तक 154 लोगों की मौत हुई है। 


यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक इससे पहले सबसे अधिक मौते वर्ष 2017 में दर्ज की गई थीं। जब 763 हादसों में 146 लोगों ने जान गंवाई थी।


बहरहाल, यमुना एक्सप्रेसवे पर होने वाली दुर्घटनाओं पर लगातार सवालिया निशान लगते रहे हैं। रोड़ की बनावट के साथ कंक्रीट का प्रयोग भी दुर्घटना का कारण बताया जाता है।