एमिटी विश्वविद्यालय में बीमा क्षेत्र पर उद्योग 4.0 का प्रभाव विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन


एमिटी विश्वविद्यालय में बीमा क्षेत्र पर उद्योग 4.0 का प्रभाव विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन


 नोएडा। एमिटी स्कूल ऑफ इंश्योरेंस बैकिंग एंड एक्चुरियल सांइसेस द्वारा छात्रों को बीमा के क्षेत्र हो रहे नवीनीकरण की जानकारी प्रदान करने एंव चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करने हेतु ''बीमा क्षेत्र पर उद्योग 4.0 का प्रभाव'' विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन आई टू ब्लाक सभागार, एमिटी विश्वविद्यालय में किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ भारतीय जीवन बीमा निेगम के चेयरमैन एम आर कुमार, स्विस रे ग्लोबल बिजनेस साॅल्युषन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के हेड (ग्लोबल सर्विसेस) श्री अमित कालरा, एमिटी विश्वविद्यालय के गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह, एमिटी लाॅ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय, एमिटी साइंस टेक्नोलाॅजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती एंव एमिटी स्कूल आॅफ इंश्योरेंस बैकिंग एंड एक्चुरियल सांइसेस के निदेशक श्री ए पी सिंह द्वारा पारंपरिक दीप जलाकर किया गया। 



भारतीय जीवन बीमा निेगम के चेयरमैन  एम आर कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज इस सम्मेलन के माध्यम से हमें उद्योग 4.0 के मार्ग एंव दिशा को समझना होगा और उसके बीमा क्षेत्र पर प्रभाव को भी जानना होगा।


श्री कुमार ने कहा कि डिजिटल परिर्वतन के इस वक्त में सभी क्षेत्र, रैखीय विकास माॅडल से घातांकी वृद्धि की ओर बढ़ रहे है और बीमा क्षे.त्र भी पहले कभी ना हुआ हो ऐसे विद्यटन का गवाह बन रहा है। आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस और उससे जुड़ी तकनीकों ने बीमा क्षेत्र के सभी पहलूओं को प्रभावित किया है। उन्होने कहा कि तकनीकी की मदद से बीमा करवाने का कार्य शीघ्रता से हो जाता है वो भी बिना बीमा करने वाले और ग्राहकों के बहुत अधिक सक्रिय भागीदारी के बगैर। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से बीमा कंपनियां, जोखिम के बेहतर मूल्य की और भी परिष्कृत तरीके से पहचान कर सकती है। श्री कुमार ने कहा कि स्न 2030 तक तकनीकीयों के एकीकृत होने से दावा प्रसंस्करण, बीमा कंपनियों का प्राथमिक कार्य रह जायेगा लेकिन मानविकी प्रक्रिया कम हो जायेगी जिससे प्रक्रिया आसान होगी और क्षमता भी बढ़ेगी। आने वाले समय में बीमा क्षेत्र के आप जैसे युवा व्यवसायिकों के लिए अवसर बढ़ेगें।


स्विस रे ग्लोबल बिजनेस साॅल्युशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के हेड (ग्लोबल सर्विसेस) श्री अमित कालरा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज बीमा उद्योग वैश्विक स्तर पर 5 ट्रिलियन डाॅलर का उद्योग एंव भारतीय स्तर पर 100 बिलियन डाॅलर का उद्योग है। बीमा उद्योग एक पांरपरिक उद्योग है जो एक लंबे वक्त में बहुत अधिक पुनः अविष्कारों का गवाह नही रहा किंतु मजबूत मूल्य पूर्वसर्ग के निर्माण हेतु आज भी कोशिश कर रहा है। श्री कालरा ने कहा कि बीमा उद्योग का मूल्यांकन चुनौतियों एंव अवसरों के आधार पर होता है। उन्होनें कहा कि तकनीकी आधुनिकता जैसे आईओटी, बिग डाटा एनालिसिस, क्लाउड कंप्युटिंग और 5 जी टेलीकम्यूनिकेशन के साथ बीमा उत्पाद, जन अनुकूल हो रहे है। उन्होने कहा कि बीम उद्योगों को अपने ग्राहकों के लिए बहु संबधीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। 


एमिटी विश्वविद्यालय के गु्रप वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने अतिथियों एंव छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज उद्योगों को बने रहने के लिए नये संकल्पनाओं को अपनाना होता है। आज बैकिंग, ट्रैवेल, क्रय विक्रय आदि हमारे सभी कार्य मोबाइल फोन द्वारा किये जा रहे है। व्यापार की दिषा बदल चुकी है इसलिए उद्योगों की वास्तव अपेक्षाओं को समझ कर उसके अनुरूप हम छात्रों को तैयार कर रहें है। उद्योगों की एकीकृत मांग को षिक्षण से जोड़ना आवश्यक है। उन्होनें छात्रों से कहा कि आज आपके सामने बीमा उद्योग जगत के विशेषज्ञ है इसलिए आपको इनसे मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए।
एमिटी स्कूल एंड एक्चुरियल सांइसेस के निदेशक ए पी सिंह ने अतिथियों एंव छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज आटोमेशन, डाटा विष्लेषण, मशीन लर्निंग, आधुनिक उत्पादन तकनीकी, कम लागत एंव लाभ सभी उद्योग 4ण्0 का पर्याय बने है। जिसमें मषीनों की बुद्धिमान नेटवर्किंग, कार्यक्षमता एंव प्रक्रिया पर मुख्य ध्यान होता है। बीमा क्षेत्र पर उद्योग 4.0 के प्रभाव को समझाने एंव उद्योग की अपेक्षाओं को जानकर उसके अनुरूप छात्रों को शिक्षा    4.0 प्रदान करने पर एमिटी द्वारा बल दिया जा रहा है। इस सम्मेलन का उदेदष्य बीमा क्षेत्र में प्राप्त अवसरों एंव चुनौतियों की जानकारी देना है।
तकनीकी सत्र के अंर्तगत '' यूज  ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिंजेंस इन अंडर राइटिंग एंड क्लेम सेटलमेंट इन इंश्योरेंस'' पर हाउडेन ब्रोकर के सलाहकार बोर्ड के सदस्य श्री नीरज कुमार, राॅयल सुंदरम जनरल इंश्यारेंस कंपनी लिमिटेड के जीएम श्री राकेश यादव, बजाज एलिंयाज जनरल इंश्योरेस कंपनी लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री दीपक धर सहित कई विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किये।
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