मुस्कान चौरसिया ने अपने नाम की " मिस फैशन आइकॉन डीवा ऑफ इंडिया "

" मिस फैशन आईकॉन डीवा ऑफ इंडिया " का ख़िताब अपने नाम की मुस्कान चौरसिया
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जहां प्रतियोगिता है वहां कोई जीतेगा ही और यदि कोई जीत रहा है तो किसी का हारना भी निश्चित है। हार ज़िंदगी के किसी भी मोड़ पर हो सकती है। लेकिन हार क्षणिक है और हौंसला निरंतर है। इसलिए हार से कभी मन को कमज़ोर नहीं करना चाहिए। चूंकि अगर हौंसला रह तो फिर जीता भी जा सकता है।


 " मुश्किलें तेरे आत्मविश्वास को आजमाती हैं,
    स्वप्न के पर्दे निगाहों से हटाती हैं,
    हौसला मत हार गिर कर ऐ मेरे दोस्त,
    ठोकरें ही इंसान को चलना सिखाती हैं। "


हौसला हमेशा जीत का रास्ता अख्तियार करता है। हार व जीत उसके लिए है जो कुछ करना चाहता है। चौरसिया समाज में भी कुछ ही बच्चे कुछ करने, कुछ बनने की जनूनी कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ज्यादातर बच्चे मां-बाप की कमाई पर शौख पालने में लगे हैं। जो लड़ेगा वही विजेता बनेगा। इसलिए चौरसिया समाज के हर बच्चों को  जनूनी कोशिश जारी रखना है और मौका मिलते ही सफलता का इतिहास लिख देना है।


हम बात कर रहे हैं चौरसिया समाज की लड़की मुस्कान चौरसिया की। आधुनिक मॉडल की यह लड़की मिस फैशन आइकॉन डीवा ऑफ इंडिया का खिताब मध्यप्रदेश के सागर जिले से कोलकाता जाकर जीत ली है। हालांकि मिशन ड्रीम्स मिस इंडिया में वह टॉप जलवे पर कायम नहीं हो सकी, पर चौथे पायदान पर जरूर पहुंची है।
इस प्रतियोगिता में देशभर से टॉप 25 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें मुस्कान मध्यप्रदेश से प्रतिनिधित्व करनेवाली इकलौती प्रतिभागी थी। यहां फ़िल्म जगत के नामचीन हस्ती व कलाकार मौजूद थे। 
मुस्कान सागर जिले की पुरव्यायु निवासी मुरारीलाल चौरसिया की पुत्री हैं। वह मध्यप्रदेश सहित देश और चौरसिया का नाम रौशन किया है। उसके इस उपलब्धि पर चौरसिया समाज की ओर से ढ़ेर सारी शुभकामनाएं।