जेएनयू हिंसा मामले में हिंसा करनेवालों की हुई पहचान, आया नाम सामने

नई दिल्ली। जेएनयू में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस नेआज प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. दिल्ली पुलिस ने मीडिया को बताया कि जांच किस दिशा में जा रही है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ जॉय तिर्की ( डीसीपी क्राइम) ने कहा, हमने कुछ छात्रों की पहचान की है जिनके नाम भी आपके सामने रख रहे हैं.  इस मामले में तीन केस दर्ज किये गये है और एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है. 



तीन केस दर्ज हुए

पहला -  सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचना 

दूसरा - रजिसट्रेशन करने गये छात्रों को धमकाना 

तीसरा - हॉस्टल में मारपीट 

 

छात्रों के नाम जो दिल्ली पुलिस ने बताये 

चुनचुन कुमार 

आईशी घोष 

योगेंद्र भारद्वाज 

वास्टर विजय 

सुचेता तालुकदार 

विकास पटेल 

पंकज कुमार मिश्रा 

प्रिय रंजन 

दोलन सावंता 

 

कॉन्फ्रेंस में दिल्ली पुलिस ने कहा, हम पत्रकारों से अभी इसलिए बात कर रहे हैं क्योंकि यह मामला गंभीर है. पुलिस ने कहा, हम पत्रकारों से उम्मीद करते हैं कि इस मामले में हम जो भी जानकारी रख रहे हैं उसे सही दिशा में आप रखेंगे. अबतक जो जांच हुई है हम उस विषय में जानकारी साझा कर रहे हैं. मैं आप सभी को बताना चाहता हूं कि हम जांच पूरी होने के बाद मीडिया को जानकारी देते हैं लेकिन इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हम जानकारी दे रहे हैं. 

 

जनवरी के महीने में एक से पांच तारीख को रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ यह हर साल होता है.नया साल शुरू हुआ था, तो पढ़ाई करनी थी इसलिए छात्र रजिस्ट्रेशन कर रहे थे.  इस बीच फीस बढोत्तरी और अन्य मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये थे. हमारी जांच में सामने आया कि कुछ छात्रों को धमकाया जा रहा है. तीन जनवरी के आसपास छात्रों को  रोका गया अधिकारियों को बाहर निकाल दिया गया. दिल्ली पुलिस ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में छात्र संगठन के नाम बताये. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ तो इन्हें भी परेशानी हुई की सबकुछ ऑनलाइन हो रहा है. 

पीछे के दरवाजे से छात्र संगठन के लोग अंदर आये और सर्वर को तोड़ दिया. सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. 3 और चार जनवरी को चार संगठन विरोध करता रहा. चार विद्यार्थी रजिस्ट्रेशन के लिए परेशान थे.




 



एक ग्रुप आया और उनके साथ मारपीट की की. इन चार संगठन के लोगों ने जाकर पेरियार हॉस्टल जाकर तोड़फोड़ किया. हॉस्टल के अंदर विशेष लोगों को टारगेट किया गया. हमें कुछ व्हाट्सएप ग्रुप बने हैं  इसके बाद हॉस्टल के लोगों ने शांति से बैठकर चर्चा कर रहे थे.  परियार और साबरमती के बीच में एक टी प्वाइंट है जहां बैठक हो रही थी.  इसके बाद एक ग्रुप आया और लाठी डंडों से लैस होकर तोड़फोड़ शुरू कर दी. उन्हें पता था कि किस कमरे में जाना है कहां, हमला करना है. 




 

इस मामले में हमने तीन केस दर्ज किये हैं और तीनों पर जांच चल रही है. लेफ्ट फ्रंट रजिस्ट्रेशन के खिलाफ है इसके चार संगठन है जो विरोध में हैं. पुलिस उन छात्रों के पहचान के लिए क्या इस्तेमाल कर रही है मैं आपको बता दूं कि सीसीटीवी वाईफाई से इस्तेमाल होता है तो फुटेज नहीं मिले. हमारे पास कुछ वायरल वीडियो है जिसकी मदद ली जा रही है. हमने जिनकी पहचान की है उसका आधार वायरल वीडियो, पूछताछ, विद्यार्थियों का डाटा है.