कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर में दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन

नोएडा। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में साइबर अपराध विवेचना एवं डिजिटल फोरेन्सिक एण्ड आईटी एक्ट के सम्बन्ध मे दो दिवसीय कार्यशाला का समापन रविवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय, सैक्टर 108 नोएडा में हुआ। कार्यशाला मे साइबर अपराधो की जानकारी एवं कार्यकुशलता बढाने हेतु जनपद के तीनो जोन से  निरीक्षक, उपनिरीक्षक, मुख्य आरक्षी तथा आरक्षी स्तर के 300 पुलिस कर्मियों द्वारा भाग लिया गया। 



आलोक सिंह, पुलिस आयुक्त, गौतमबुद्धनगर द्वारा कार्याशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए बताया गया कि आज के दौर में साइबर अपराधी नई नई तकनीक अपराध करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनसे निपटने व उन्हे रोकने के लिए पुलिस को अप-टू-डेट रहना होगा। पुलिस कमिश्नर महोदय द्वारा सभी पुलिसकर्मियों को उपस्थित सभी साइबर एक्पर्टस को ध्यान से सुनने व सीखने के लिये निर्देशित किया गया।


 रक्षित टंडन, साइबर एक्सपर्ट द्वारा साइबर अपराध विवेचना के सम्बन्ध मे आर्थिक गतिविधि व साइबर अपराध सोशल नेटवर्किंग की गतिविधियों एवं ऑनलाइन फ्रॉड से निपटने के लिए अधिक दक्ष और निपुण बनाने हेतु प्रशिक्षण दिया गया। सीडीआर व आईपीडीआर का विश्लेषण एवं इनसे सम्बन्धित वेब साईट व टूलस् के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गयी। 
श्रीमती खुशबु जैन, एडवोकेट सुप्रीम कोेर्ट द्वारा आईटी एक्ट 2000 एवं संशोधन संबधी लीगल फ्रेम वर्क के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी। साइबर क्राइम से सम्बन्धित अभियोगों की विवेचनाओं के दौरान साक्ष्य एकत्र करने के तकनीकी पहलूओं को विस्तार से समझाया गया जिससे  न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोगों को मजबूती से प्रस्तुत किया जा सके। यह विषय अत्यंत ही आवश्यक है क्योंकि किसी प्रकार के साइबर अपराध जिसमे कम्प्यूटर या मोबाइल फोन आदि का उपयोग हुआ हो तो आईटी एक्ट स्वतः ही लागू हो जाता है।
 संजय गौतम,डीएसपी सीबीआई द्वारा महिलाओ एवं बच्चो के प्रति हो रहे साइबर अपराध के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि फोटो डीएनए तकनीकी एवं विडियों फिगंर प्रिन्टस् तकनीकी द्वारा किस प्रकार अपराधियों की खोज बीन की जा सकती है। उक्त तकनीक द्वारा बच्चों से संबंधित पोर्नोग्राफी तथा बलात्कार व सामूहिक बलात्कार की सामग्री को इंटरनेट पर अपलोड करने वाले अपराधियों को पकडनें मे सहायता प्राप्त होगी। इसके संबंध में इंटरनेट पर उपलब्ध फोटो व विडियों का विश्लेषण करने के विभिन्न टूल्स के विषय में जानकारी दी गयी।
 श्री उत्सव मित्तल, फोरेन्सिक एक्सपर्ट द्वारा साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन में डिजिटल फोरेंसिक की अहम भुमिका के बारे में जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया  कि किस प्रकार डिजिटल ऐवीडेन्स को सुरक्षित किया जाये तथा उसे एकत्र कर किस प्रकार उसका विश्लेषण किया जाये ताकि विवेचना में डिजिटल ऐवीडेन्स का सदउपयोग हो सके तथा  इससे सम्बन्धित लेटेस्ट डिजिटल फोरेंसिक टूल्स केे बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।  
 सत्येन्द्र शर्मा, पीएनबी बैकिंग एवं फायनेन्सियल क्राइम इन्वेस्टिगेशन के सम्बन्ध मे बताया गया कि किस प्रकार ए0टी0एम फ्राॅड व आॅन लाइन फ्राॅड से बचा जा सकता है।
 श्री पंकज वीडियो फोरेन्सिक टूल्स एक्सपर्ट द्वारा सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त फूटेज व वीडियों के विश्लेषण के बारे में जानकारी दी गयी।
 रूट 64 के संचालक  अमित दुबे व उनकी टीम द्वारा केस स्टडी, गूगल डैशबोर्ड और ओपन सोर्स टूल्स के बारे में जानकारी दी व डार्क वेब की जटिलताओ, ईमेल आईडी और उसके प्रयोग में किस तरह से सावधानियां बरती जाएं, इसके बारे में बताया, एवं व्हाट्सएप पर फोन मैसेज या अन्य सोशल मीडिया द्वारा जो सूचनाएं प्राप्त होती हैं, जिनमें एक लिंक देकर उसको खोलने के लिए कहा जाता है उससे बचने की सावधानियों से भी अवगत कराया व लैपटॉप से मोबाइल के सही प्रयोग व हैकिंग से बचने के उपायो के बारे मे अवगत कराया गया तथा फोन खराब होने की स्थिति में उसका डाटा किस तरह से प्राप्त किया जा सकता है इसके बारे में भी जानकारी दी गयी।
साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने व साइबर अपराध से सम्बंधित विवेचनाओं की गुणवत्ता में वृद्धि हेतु इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर  द्वारा भविष्य में भी लगातार समयांतराल पर किया जाता रहेगा।