ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भी निकला कोरोना पॉजिटिव, दुनिया में दहशत का बढ़ता जा रहा प्रकोप

इंग्लैण्ड।  कोरोना वायरस चीन से निकलकर दुनिया के देशों में फैल गया है और बड़े पैमाने पर तबाही मचा रहा है।कोरोनावायरस ने बड़े बड़ों को अपने चपेट में लेता जा रहा है। क्या छोटे, क्या बड़े, वह हर को अपनी आगोश में लेना चाह रहा है।  लोग इसके शिकंजे में फंसते जा रहे हैं। सुरक्षा के तमाम दावे करने वाले प्रमुख लोगों को भी कोरोना महामारी अपनी लपेट में ले रहा है।



ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने ट्विटर के माध्यम से इसकी जानकारी दी है। ब्रिटिश पीएम ने लिखा, पिछले 24 घंटों में कुछ लक्षण नजर आए हैं और कोरोना वायरस की जांच पॉजिटिव आई है। कोविड-19 से संक्रमित होने के साथ ही उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि कोरोना से लड़ने के साथ-साथ वे सरकार की जिम्मेदारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निभाते रहेंगे। 


वहीं, ब्रिटेन में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बुधवार (25 मार्च) सुबह तक बढ़कर कुल 9,529 हो गई है। यूके के डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड सोशल केयर ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि मंगलवार (24 मार्च) के आधिकारिक आंकड़ों की तुलना में कुल 1,452 मामलों की वृद्धि देखने को मिली।


समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, देश में अब तक कोविड-19 से संक्रमित कुल 463 मरीजों की मौत हो चुकी है। इंग्लैंड के चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) प्रोफेसर क्रिस व्हिट्टी ने कहा कि ब्रिटेन कोरोना वायरस के टेस्ट की दर को बढ़ा रहा है।


सरकार के पिछले एक बयान के अनुसार, अधिकारी कोविड-19 संक्रमण के टेस्ट की संख्या बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड और नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) एक दिन में 25 हजार तक टेस्ट कर सकते हैं। डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड सोशल केयर ने कहा कि पूरे देशभर के स्थानीय अस्पतालों में मंगलवार (24 मार्च) तक 1.5 करोड़ फेस मास्क वितरित किए गए।


देश के कुल 9,529 पुष्ट मामलों में आधे से ज्यादा (3,000 से ज्यादा) लंदन के ही हैं। ब्रिटेन में गुरुवार (26 मार्च) लॉकडाउन का तीसरा दिन है। अस्पतालों के प्रमुखों के प्रतिनिधि संगठन एनएचएस प्रोवाइडर्स के मुख्य कार्यकारी क्रिस हॉप्सन ने कहा कि उन्हें सूचना मिल रही है कि जिस दर से अस्पतालों के बिस्तर भर रहे हैं, वह बहुत चिंताजनक है क्योंकि संक्रमण के कारण अस्पतालों में कर्मियों की संख्या भी कम हो रही है।