कोरोना वाइरस को फैलाने में नया रिसर्च आया सामने, चींटी खाने वाले पैंगोलिन में मिला ऐसे वायरस के लक्षण

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर दुनिया में भारी तबाही मची हुई है। अनेक शोध कार्य दुनिया में जारी है। नित नए-नए मामला सामने आते जा रहे हैं और रिसर्च का दौर जारी है।




पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस को लेकर एक नई रिसर्च सामने आयी है। इससे पहले चीन में कोरोना वायरस फैलने के पीछे चमगादड़ के होने का शक जताया गया था लेकिन नई रिसर्च में पैंगोलिन (Pangolins Coronavirus) में ऐसे वायरस मिलने की पुष्टि हुई है जोकि कोरोना वायरस से काफी हद तक मिलते हैं। 26 मार्च को जर्नल नेचर में प्रकाशित हुए एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि कोविड-19 से मिलता-जुलता कोरोना वायरस पैंगोलिन जानवर में मौजूद है।


नए रिसर्च में पाया गया है कि पैंगोलिन में पाए गए कोरोना वायरस की जीन संरचना मौजूदा कोरोना वायरस की जीन संरचना से 88.5 फीसदी से लेकर 92.4 तक फीसदी मेल खाता है। पैंगोलिन ऐसा स्तनपायी जीव है जिसकी खाने और पारंपरिक दवाओं में इस्तेमाल के लिए सबसे अधिक अवैध तस्करी होती है। चमगादड़ों को कोरोना वायरस का मूल स्रोत समझा जा रहा है जिनसे किसी अन्य जीव के माध्यम से कोरोना वायरस इंसानों तक पहुंचा। शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए टेस्ट किया। उन्होंने पाया कि 18 पैंगोलिन में से 5 के सैंपलों में कोरोना वायरस पाए गए. वैज्ञानिकों ने इसके बाद इन वायरसों के जीनोम संरचना की तुलना SARS-CoV-2 से की।


विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, चमगादड़ों के कोरोना वायरस SARS-CoV के वाहक होने की सबसे ज्यादा संभावना है लेकिन इंसानों में आने से पहले ये किसी अन्य प्रजाति में पहुंचा होगा। यानी कोरोना वायरस चमगादड़ से पहले किसी जानवर में पहुंचा होगा और उस जानवर से इंसानों में। नेचर जर्नल में प्रकाशित एक नए शोध पत्र में शोधकर्ताओं ने कहा है कि उनका जेनेटिक डेटा दिखाता है कि ‘इन जानवरों को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए और बाजारों में इनकी बिक्री पर कड़ी पाबंदी लगनी चाहिए।’


माना जाता है कि चींटिया खाने वाले इस स्तनपायी जीव की पूरी दुनिया में सबसे अधिक तस्करी होती है और इस कारण यह विलुप्त होने की कगार पर भी है। इस जीव की खाल एशिया में पारंपरिक चीनी दवाएं बनाने में ख़ासी मांग में रहती है। पैंगोलिन के मांस को कुछ लोग स्वादिष्ट मानते हैं।


हालांकि, पैंगोलिन की 8 प्रजातियों की कमर्शियल बिक्री पर पूरी तरह से बैन है लेकिन इसके बावजूद दुनिया भर में पैंगोलिन की सबसे ज्यादा तस्करी होती है। चीन, वियतनाम और एशिया के कुछ देशों में इसके मांस को स्टेटस सिंबल से भी जोड़कर देखा जाता है। कोरोना वायरस शरीर के द्रव्य, मल और मांस से आसानी से फैल सकता है। इसलिए खाने के लिए पैंगोलिन का इस्तेमाल ज्यादा चिंता की बात है। पैंगोलिन को इसकी स्कैल्स के लिए भी मारा जाता है लेकिन उसके संपर्क में आना मांस की तुलना में कम खतरनाक है।