मुख्यमंत्री कमलनाथ नहीं बचा सके सरकार, दिया इस्तीफा


भोपाल। कमलनाथ ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस  कर इस्तीफे का ऐलान किया. 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार के पास बहुमत नहीं था और आज शाम को फ्लोर टेस्ट होना था. लेकिन उससे पहले ही कमलनाथ ने इस्तीफे का ऐलान किया. फिर उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।


कमलनाथ ने इस दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनवाया और कहा कि हमने आम लोगों के लिए काम किया, लेकिन ये भाजपा को रास नहीं आया. हमारी सरकार पर किसी तरह का आरोप नहीं लगा, बीजेपी ने किसानों के साथ धोखा किया लेकिन हमें उनके लिए काम नहीं करने नहीं दिया गया।प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ ने कहा कि हमने अपने कार्यकाल में माफियाओं को खत्म करने का काम किया, बीजेपी को यहां सरकार चलाने के लिए 15 साल मिले.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने 22 विधायकों को बंधक बनाया और ये पूरा देश बोल रहा है. करोड़ों रुपये खर्च कर खेल खेला जा रहा है. एक महाराज और उनके 22 साथियों के साथ मिलकर साजिश रची.

सीएम बोले कि जिसकी सच्चाई थोड़ी समय में सामने आएगी. हमने तीन बार विधानसभा में अपनी बहुमत साबित की. बीजेपी की ओर से जनता के साथ विश्वासघात किया जा रहा है और लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है, जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी.


प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ ने कहा कि 11 दिसंबर 2018 को पिछली विधानसभा का परिणाम आया है, जिसमें कांग्रेस सबसे अधिक सीटें हासिल करके आई. 17 दिसंबर को मैंने शपथ ली और 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल की शपथ ली. आज 20 मार्च है, इस दौरान हमारा प्रयास प्रदेश की तस्वीर बदलने का रहा. 15 महीनों में मेरी क्या गलती थी, अपने राजनीतिक जीवन में मैंने काम पर विश्वास रखा.

कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे कार्यों के खिलाफ साजिश की, पहले दिन से ये लोग हमारी सरकार गिराना चाहते थे.इस्तीफा देंगे कमलनाथ?
अब 

कमल नाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर, इसके बाद राज्यपाल लालजी टंडन से मिले। इस दौरान उनके साथ सभी मंत्री भी मौजूद रहे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्तीफे का ऐलान करने के बाद कमलनाथ राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है.