आईसीएमआर ने निजी क्षेत्र को कोरोना परीक्षण की दी अनुमति, अधिकतम दर निर्धारित


नोएडा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद                 (आईसीएमआर) ने आज निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं को कोविड-19 वायरस के प्रशिक्षण की अनुमति प्रदान कर दी है।  ऐसी प्रयोगशाला जिन्हें आईसीएमआर के द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया हो,  इस टेस्ट को कर सकती है। यह जानकारी यूपी के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद द्वारा जारी किया गया है।


आईसीएमआर के द्वारा 2 चरणों में होने वाले परीक्षण हेतु अधिकतम दरों का निर्धारण भी किया गया है। प्रथम चरण के लिए अधिकतम 1500/ तथा आवश्यकता होने पर पुष्टि के लिए द्वितीय चरण की जांच हेतु अधिकतम ₹3000 निर्धारित किया गया है।


यदि कोई व्यक्ति कोविड-19 के संक्रमण से ग्रस्त नहीं है एवं स्क्रीनिंग में इस तथ्य का संज्ञान हो जाता है तो उसे अपने परीक्षण के लिए अधिकतम 1500/ मात्र खर्च करना होगा। यदि वह स्क्रीनिंग में धनात्मक है तथा पुष्टि हेतु द्वितीय चरण का परीक्षण करना आवश्यक हो तो उसे अपने परीक्षण पर निजी प्रयोगशाला में अधिकतम ₹4500 व्यय करना होगा। यह व्यवस्था उन व्यक्तियों के लिए है जो इस धनराशि का भुगतान करने में सक्षम हैं एवं इच्छुक भी हैं। यह व्यवस्था यथावत रहेगी।


आईसीएमआर द्वारा प्राप्त निजी प्रयोगशालाओं द्वारा एकल चरण वाली जांच किट के प्रयोग करने पर किसी व्यक्ति से अधिकतम कितनी धनराशि ली जा सकेगी, इसका निर्धारण नहीं किया गया है। एकल चरण वाली जांच में एक बार में ही संक्रमण की पुष्टि हो जाती है। इसके फलस्वरूप जो व्यक्ति संक्रमित नहीं है, उन सभी को ₹4500 की धनराशि का भुगतान करना पड़ रहा है, जो आईसीएमआर द्वारा जारी गाइडलाइन के विपरीत है।


निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच हेतु अधिकतम धनराशि ₹2500  निर्धारित की गई है। निजी प्रयोगशालाओं को  गुणवत्ता ऑडिट हेतु मांगे जाने पर नमूनों को चिकित्सा महाविद्यालय की रेफरल प्रयोगशाला हेतु उपलब्ध कराना होगा। परीक्षण के पास आईसीएमआर के पोर्टल पर दर्ज करने के अतिरिक्त संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अधिकारी को रिपोर्ट की एक प्रति उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। निजी प्रयोगशालाओं द्वारा उक्त जांच हेतु ₹2500 से अधिक धनराशि लिया जाना एवं अन्य प्रावधानों का अनुपालन न करना एपिडेमिक डिजीज1897 एवं उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 नियमावली 2020 के प्रावधानों का उल्लंघन होगा।