आगरा में कोरोना का ईलाज करा रहे जमाती मांग रहे भैसों की बिरयानी, नखरे अलग

आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में ईलाज करा रहे कोरोना वाइरस के संदिग्ध जमातियों के नखरे भी विचित्र हैं। उनके ऐसे -ऐसे नखरे को सुनकर डॉक्टर परेशान हैं,  तो उनकी मांगों को उपलब्ध कराना संभव नहीं है। विचित्र  बात है कि वह डॉक्टरों की बातों और सलाह को मानने को तैयार नहीं है और अपनी मनमर्जी पर उतारू हैं। वह कोरोना मरीज न बनकर शाही अंदाज में इलाज कराना चाहते हैं और यहां डॉक्टरों से अपनी मनपसंद की चीजें मांग रहे हैं। जमातियों ने अपनी मनपसंद की खाना के रूप में भैंसों की बिरयानी की मांग कर रहे हैं, तो लजीज चटकारे भोजन करना चाहते हैं। एक तरह से वे अस्पताल के चिकित्सकों को परेशान कर खुद उपहास के पात्र भी बनते जा रहे हैं।



जमातियों का साफ कहना है कि हमें मरीजों जैसा खाना नहीं खाना, हम तो भैसें की बिरयानी खाएंगे। वरना हम यहां 14 दिन नहीं रुकने वाले। आगरा के मधु रिसोर्ट में क्वारंटाइन किए गए जमातियों का कहना है कि 'ये भी कोई खाना है। इसमें न नमक है, न मिर्च। सूखा खाना हमें नहीं खाना। हमें तो बड़े (भैंसे) की बिरयानी चाहिए। कोई दवा नहीं खाएंगे, न इंजेक्शन लगवाएंगे। हम पूरी तरह स्वस्थ हैं। हमें साजिश के तहत यहां लाया गया है।


'डॉक्टरों की टीम का कहना है कि यहां हम और पैरा मेडिकल स्टाफ इनकी सेवा में लगे हैं। कोशिश है कि कोरोना की स्थिति में इनकी जान बचाई जाए। मगर जमाती हैं कि मानते ही नहीं। उल्टे प्रशासन और डाक्टरों पर आरोप लगा रहे हैं। इन्होंने तमाम डाक्टरों से कहा कि उन्हें यहां क्यों लाया गया है। वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। खाना एकदम बकवास दिया जा रहा है। उन्हें मरीजों का खाना क्यों दिया जा रहा है। इस खाने में नमक और मिर्च तक का स्वाद नहीं है। वे तीखा और चटपटा खाना खाने के आदी हैं। हद तो तब हुई जब उन्होंने डाक्टरों से बड़े (भैंसे) की बिरयानी मांग ली।


जमातियों का कहना था कि वे रोज यही बिरयानी खाते हैं। यह उनके मीनू का जरूरी हिस्सा है। नाम न छापने की शर्त पर डाक्टरों ने बताया कि कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहा है। सभी के लिए अलग बेड हैं। वे लोग एक ही स्थान पर इकट्ठा होकर नमाज अदा कर रहे हैं। डाक्टरों ने कहा था कि सभी अपने बेड के करीब रहकर नमाज अदा कर सकते हैं, या ऐसा करने के लिए एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाकर रख सकते हैं। मगर जमाती मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने देखरेख में लगे लोगों को धमका रहे हैं। उनका कहना है कि यही चलता रहा तो वे 14 दिन तक यहां किसी कीमत पर रहने को तैयार नहीं हैं।


क्वारंटाइन लोगों में से एक व्यक्ति ने दूसरे से कहा कि उन्हें यहां साजिश के तहत लाया गया है। निजामुद्दीन में जमात करके आए लोग हमेशा मस्जिदों में जाकर स्थानीय लोगों को मौलानाओं की तकरीर सुनाते हैं। पुलिस ने तकरीर सुनने आए लोगों को उठा लिया है। सभी को बेवजह यहां लाया गया है।  उन्हें पता नहीं हैं। वे पूरी तरह स्वस्थ हैं फिर इलाज क्यों हो रहा है। इसके पहले गाजियाबाद के एक अस्पताल में क्वारंटाइन किए गए कुछ जमातियों ने वहां नर्सों और महिला स्टाफ के साथ अश्लील हरकत भी की थी। इसके बाद इन पर मुकदमा दर्जकरके हिरासत में ले लिया गया था। पुलिस ने इन आरोपी जमातियों को अलग अस्पताल में शिफ्ट कर दिया। वहीं मुख्यमंत्री योगी ने इन पर एनएसए लगाकर कार्रवाई करने को  कहा है। बावजूद उन जमाातियों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।