देशव्यापी लॉकडाउन पर पान को करोडों का नुकसान, बिहार सरकार ने पान को लॉकडाउन से किया मुक्त

नई दिल्ली। देशव्यापी लॉकडाउन का असर पान की खेती पर जबरदस्त पड़ा है। वहीं, पान का व्यापार करने वाले और पान आढ़तियों का इससे कमर टूट गया है। पान के व्यापार में करोड़ों का नुकसान हुआ है। पान से जुड़े कृषकों का तो हाल -बेहाल है।



ऐसे में बिहार सरकार से एक अच्छी खबर आई है। बिहार सरकार ने पान की खेती संबंधी कार्यों को लॉकडाउन से मुक्त कर दिया है। यह पान कृषकों के हित में बड़ा फैसला है। बिहार की भांति देश के अन्य राज्यों में भी पान को लॉकडाउन से मुक्त करने की मांग उठने लगी है। अगर अन्य राज्यों की सरकारों द्वारा ठोस कदम नहीं उठाया गया तो पान उत्पादों का सत्यानाश हो जाना निश्चित है।  



बिहार के कृषि विभाग के सचिव डॉक्टर एन श्रवण कुमार ने लॉकडाउन से पान व्यवसाय को हटा दिया है। उन्होंने बिहार के सभी जिले के जिलाधिकारियों व एसपी को बतौर आदेश जारी कर दिया है और कहा है कि पान की खेती में जरूरी सामग्री, बांस, सुतली, खर आदि की सप्लाई व ढुलाई के साथ-साथ पान को बेचने के लिए मंडी तक वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं है और  इसे  नहीं रोका जा सकता है।


बता दें कि बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बंगाल, उड़ीसा आदि राज्यों में पान कृषक लघु सीमांत किसान ही हैं, जो छोटे-छोटे हिस्सों में पान की खेती कर जीविकोपार्जन करते आ रहे हैं। साथ ही कुछ पान कृषक खोखे और गुमटिओ में पान की बिक्री कर अपना जीवन चलाते हैं। गौरतलब है कि पान की खेती हमेशा से खतरों से घिरा रहता है। कभी अतिवृष्टि, कभी ओलावृष्टि, कभी पाला, कभी आंधी -तूफान से भरपूर नुकसान होता है और 2019 के अंत में और 2020 के प्रारंभ में पान खेती को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में पान कृषक पहले से ही भुखमरी के कगार पर खड़े थे, तो इस बार लॉकडाउन के कारण पान के बचे हुए खेती को भी भयानक नुकसान पहुंचा है।


बता दें कि देश में टॉप पान मंडियों से 29 देशों में पान का निर्यात किया जाता है। पान कच्चा सामान है। यह दूध, सब्जी, फलों आदि की भांति शीघ्र नुकसान देने वाला है और जल्दी ही नष्ट होने वाली वस्तु है। बताया जाता है कि लॉकडाउन से 100 करोड़ से ज्यादा का पान का नुकसान हुआ है। पान के निर्यात रुकने से सरकार को भी करोड़ों का राजस्व नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं पान आढ़त मंडियों से लेकर पान बरेज तक में काफी नुकसान हुआ है। साथ ही मांग की जा रही है कि लॉकडाउन में हुए पान की नुकसान पर सरकार 50 करोड़ से ज्यादा की आर्थिक पैकेज के रूप में दे, ताकि इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का भला हो सके और पुनः नए कार्यों के साथ अपने  रोजगार में बने रह सकें।