डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी पर हमला करने पर 6 माह से 7 साल तक की सजा के साथ 1 लाख से 5 लाख तक की होगी जुर्माना


नई दिल्ली। महामारी रोग अधिनियम 1897 में संशोधन और अध्यादेश लागू किया जाएगा। डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर पर हमला गैर-जमानती होगा। अगर डॉक्टर या स्वास्थकर्मी को गंभीर चोट आई तो आरोपी को 6 महीने से 7 साल तक की सजा, और 1 लाख से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।


सरकार ने कोविड-19 की महामारी की स्थिति के मद्देनजर महामारी रोग अधिनियम 1897 में संशोधन कर एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है। इससे महामारी के दौरान सेवा दे रहे स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के खिलाफ हिंसा के मामलों में कानून के तहत सजा की सुविधा होगी।


कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों को लेकर सरकार चिंतित है, इसलिए सरकार ने उनकी सुरक्षा के लिए पूरा संरक्षण देने वाले अध्यादेश को मंजूरी दी है। स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के खिलाफ आक्रोश, उत्पीड़न और संपत्ति नुकसान से संबंधित मामले प्रतिदिन उभर कर आ रहे हैं। COVID19Pandemic के इस समय में कोरोना के संभावित प्रसारकों द्वारा चिकित्सा समुदाय के विश्वास के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, इसलिए अब सुरक्षा की मांग कर की जा रही है।