हॉटस्पॉट और लॉकडाउन में क्या अंतर है, जरूर जानें

 


नोएडा। देश में लॉक डाउन के बीच कुछ राज्यों में  कोरोना संक्रमित स्थानों  को चिन्हित कर हॉटस्पॉट लगा दिया गया है।  हॉटस्पॉट लॉकडाउन से अलग है, क्योंकि लॉक डाउन की तरह यहां पब्लिक को छूट कम मिलती है। कुल मिलाकर जहां हॉट स्पॉट लगाया जाता है वहां निवास करने वाली जनता पूरी तरीके से सरकार के दिए गए सेवाओं पर निर्भर करती है। जहां हॉट स्पॉट लगाए जाता है वहां पब्लिक को बाहर आने -जाने की प्रतिबंध लगा दिया जाता है। यानी उन जगहों को सील कर दिया जाता है। पुलिस का सख्त पहरा रहता है और पुलिस  ऐसे लोगों पर कार्रवाई करती है जो हॉट स्पॉट नियम का उल्लंघन करते हैं। पुलिस गश्त भी जारी रहती है।


 बता दें कि यूपी, एमपी और दिल्ली सरकार ने राज्य के कई इलाकों को कोरोनावायरस के हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित कर सील लगा दिया है। सवाल है कि जब पीएम मोदी ने पहले से ही लॉकडाउन का ऐलान किया था तो राज्य सरकारों ने कोरोना के हॉटस्पॉट को सील क्यों किया ?


देश में अब तक पांच हजार से ज्‍यादा पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं. केंद्र सरकार ने 25 मार्च से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया था, मगर मामले बढ़ते जा रहे हैं।


हॉटस्पॉट क्षेत्र में यहां केवल पुलिस और मेडिकल स्टाफ को ही आने जाने की अनुमति है. कोई जरूरी समान अगर किसी को चाहिए तो वो पुलिस पहुंचा रही है। लॉकडाउन में इलाके के लोगों को जरूरी सामान्य सेवा के लिए बाहर निकलने की इजाजत होती है जबकि सीलिंग में बाहर निकलने पर पूरी तरह प्रतिबंध होता है। लॉकडाउन के दौरान आप एहतियात के साथ जरूरी सामान लेने बाहर जा सकते हैं. फल, सब्जियां, राशन, दूध, दवाइयों के लिए बाहर जाने की छूट होती है. आपातकालीन सेवाएं चलती रहती हैं। बेवजह घरों से निकलने पर कानूनी रोक है.





पर, सीलिंग में आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लग जाती है।हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित स्थानों पर सिर्फ पुलिस, स्वास्थ्यकर्मी और सफाईकर्मी ही आ-जा सकेंगे। इन हॉटस्पॉट में पुलिस लगातार निगरानी करेगी और अगर कोई भी व्यक्ति घर से बाहर आता है तो उस पर कार्रवाई तय है।


सील किए गए हॉट स्पॉट को लगातार सैनेटाइज किया जाता है. बैंक-राशन की दुकानें बंद रहेंगी. लॉकडाउन के दौरान जो पास दिए गए थे वे भी निरस्त होंगे. सील इलाकों में सिर्फ जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस को एंट्री मिल सकती है. हॉटस्पॉट में मीडिया कवरेज की इजाजत नहीं होगी अगर इस इलाके में कोई मीडियाकर्मी रहता है तो वह दफ्तर जा पाएगा. हॉटस्पॉट वाले इलाके में किसी को कुछ जरूरत है तो वह प्रशासन से संपर्क कर सकता है.


आज नोएडा में हॉटस्पॉट का पहला दिन है। जिले में 22 हॉटस्पॉट स्थान निश्चित किया गया है।  जहां हॉटस्पॉट लगाए गए हैं, वहां के लोगों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। लोगों को शिकायत है की प्रशासन द्वारा समय से उन्हें दूध नहीं पहुचाया गया, तो  कई लोगों की शिकायत है कि उन्हें फल, सब्जियों तक से वंचित रखा गया। हालांकि जिला प्रशासन ने सब्जी मंडी पहुंचकर हॉटस्पॉट क्षेत्र में सब्जियों सहित अन्य सामानों की उपलब्धता हेतु प्रयास तेज कर द्वारा है ताकी उन्हें समय पर उपरोक्त सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।