लॉक डाउन पर नहीं आई एम्बुलेंस, महिला को ठेले पर ले गए हॉस्पिटल, देर होने से नहीं बचा जिंदगी

**     लॉकडाउन में एंबुलेंस नहीं आई तो ठेले पर भाभी को ले गया अस्पताल, रास्ते में ही महिला ने तोड़ा दम               


 रिपोर्ट -राजनारायण सिंह चौहान


मैनपुरी।  एक महिला की तबीयत खराब हो गई तो परिजनों ने एंबुलेंस के लिए फोन किया। हर कोई अपनी जिम्मेदारी टरकाता रहा। एम्बुलेंस नहीं आई तो महिला के परिजन उसे हाथ वाले ठेले पर रखकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में ले गए। मगर तब तक देर हो चुकी थी। उसकी सांसें हमेशा के लिए थम गई थीं। डॉक्टर ने महिला को मृत घोषित किया तो साथ आईं महिला रो पड़ी। कहने लगी, क्या यही सुविधा सरकार दे रही है। 



मोहल्ला कटरा निवासी 42 वर्षीय गुड्डी देवी पत्नी लक्ष्मी राठौर की सुबह तबियत खराब हुई तो सरकारी एम्बुलेंस सेवा को फोन किया गया। 102 नंबर पर बताया तो उन्होंने 108 पर फोन करने के लिए कहा। 108 पर फ़ोन किया तो एम्बुलेंस पर तैनात ईएमटी द्वारा अपनी वजह बता कर सेवा देने से इंकार कर दिया गया। इसके बाद परिजन महिला को हाथठेला पर ही लिटा कर जिला अस्पताल ले आए। जिला अस्पताल की इमरजेंसी के अंदर परिजन हाथ ठेला लेकर पहुंच गए। परंतु तब तक बहुत देर हो चुकी थी, गुड्डी ने दम तोड़ दिया था। चिकित्सक ने जांच के बाद गुड्डी को मृत घोषित किया तो परिजन हाथ ठेला पर शव रखकर शव घर ले आए। जयपुर में फंसे पति और पुत्र को मामले की जानकारी दी गई है। 


यह घटना स्वास्थ्य विभाग की दिन-रात दी जाने वाली एम्बुलेंस सेवाओं पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। बताया गया है कि महिला का पति और पुत्र जयपुर में हैं। वहीं प्राइवेट नौकरी करते हैं। लॉक डाउन हुआ तो वे वहीं फंस गए। महिला कुछ महीनों से यहीं रह रही है।