मधुमेह होने पर जीवन शैली में बदलाव करें : सौरव गुप्ता


नोएडा/ गाजियाबाद। आजकल के इस आधुनिक जीवनशैली के चलते जो बीमारी सर्वाधिक लोगों को अपनी चपेट में ले रही है वह है मधुमेह। मधुमेह को धीमी मौत भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी को हो जाये तो उसे फिर जीवन भर नहीं छोड़ती। इस बीमारी का जो सबसे बुरा पक्ष है वह यह है कि यह शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है। यह जानकारी व्यामचार्य  सौरभ गुप्ता ने दी है। 


लक्षण


ज्यादा प्यास लगना
-बार-बार पेशाब का आना
-आँखों की रौशनी कम होना
-कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
-हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
-बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना
-चक्कर आना
-चिड़चिड़ापन
-मधुमेह रोगियों को आंखों में दिक्कत
- किडनी और लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना आम है। 
-पहले यह बीमारी चालीस की उम्र के बाद ही होती थी लेकिन आजकल बच्चों में भी इसका मिलना चिंता का एक बड़ा कारण हो गया है। 


क्या है मधुमेह?


जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज या मधुमेह कहा जाता है।


क्या खाएं
मेथी दाना रात को भिगो दें और सुबह प्रतिदिन खाली पेट उसे खाना चाहिए।


 मधुमेह रोगियों को अपने भोजन में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रौकोली, टमाटर, बंद गोभी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए।


क्या न खाएं


आम, केला, सेब, खजूर तथा अंगूर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनमें शुगर ज्यादा होता है।
मीठे व्यंजन से दूरी बनाएं।


कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
अपनी जीवनशैली में बदलाव करें और शारीरिक श्रम करना शुरू करें। जिम नहीं जाना चाहते हैं तो दिन में तीन से चार किलोमीटर तक जरूर पैदल चलें या फिर योग करें।
- कम कैलोरी वाला भोजन खाएं। भोजन में मीठे को बिलकुल खत्म कर दें। सब्जियां, ताज़े फल, साबुत अनाज, डेयरी उत्पादों और ओमेगा-3 वसा के स्रोतों को अपने भोजन में शामिल कीजिये। इसके अलावा फाइबर का भी सेवन करना चाहिए।
- दिन में तीन समय खाने की बजाय उतने ही खाने को छह या सात बार में खाएं। 
- धूम्रपान और शराब का सेवन कम कर दें या संभव हो तो बिलकुल छोड़ दें।
- आफिस के काम की ज्यादा टेंशन नहीं रखें और रात को पर्याप्त नींद लें। कम नींद सेहत के लिए ठीक नहीं है। तनाव को कम करने के लिए आप ध्यान लगाएं या संगीत आदि सुनें।


पतंजलि मेडिकल
दिव्य मधुनाशिनी वटि- 2 गोली सुबह शाम खाली पेट
दिव्य गिलोय घन वटि -2 गोली सुबह शाम खाली पेट
दिव्य चंद्रप्रभा वटि 1 गोली सुबह खाली पेट
भोजन के बाद जामुन का सिरका पियें।


प्रणायाम


अनुलोम विलोम
कपाल भाती


आसान


भुजंगासन
मंडूकासन
शशांक आसन।