नई दिल्ली। कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष जारी रखते हुए भारतीय रेलवे भारत सरकार के स्वास्थ्य सेवा संबंधी प्रयासों में सहयोग प्रदान करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है। उसके द्वारा उठाए जा रहे विविध कदमों में रेलवे के मौजूदा अस्पतालों को कोविड-19 संबंधी जरूरते पूरी करने लायक बनाना, आपात स्थितियों से निपटने के लिए अस्पताल के बिस्तर निर्धारित करना, और डॉक्टरों एवं अर्द्ध चिकित्सा कर्मियों की भर्ती करना, पेसेंजर कोचों को आइसोलेशन कोच में परिवर्तित करना, चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराना, पीपीई और वेंटीलेटर्स आदि का आंतरिक स्तर पर निर्माण करना आदि शामिल हैं।
रेलवे का स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार के स्वास्थ्य संबंधी प्रयासों में सहयोग देने के लिए तैयार और चाक-चौबंद हो रहा है। गौरतलब है कि रेलवे के पास देश भर में 586 स्वास्थ्य इकाइयां, 45 सब डिविजनल अस्पताल, 56 डिविजनल अस्पताल, 8 उत्पादन इकाइयां अस्पताल और 16 ज़ोनल अस्पताल हैं। इन सुविधाओं का काफी बड़ा भाग अब से कोरोना वायरस से निपटने के लिए समर्पित रहेगा।
डॉक्टरों के कुल 2546 पदों और नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट और अन्य श्रेणी के कर्मचारियों सहित 35153 अर्द्धचिकित्सा कर्मियों के साथ रेलवे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। एक नई पहल के तहत देश भर में केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए अब रेलवे स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराया गया है। इन सेवाओं में कुछ विशिष्टताओं में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल सेवाएं शामिल हैं।
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारतीय रेलवे द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं: -
- क्वारंटीन/आइसोलेशन सुविधाओं के रूप में काम करने के लिए कोचों का रूपांतरण: भारतीय रेलवे कोविड-19 के लिए 80000 बिस्तरों का प्रबंध करने हेतु क्वारंटीन/आइसोलेशन सुविधाओं के रूप में काम करने के लिए देश भर में 5000 ट्रेन कोचों को परिवर्तित कर रहा है। इसके लिए जोनल रेलवे द्वारा युद्धस्तर पर कार्य शुरू कर दिया गया है। 3250 डिब्बों का रूपांतरण कार्य पहले ही पूरा हो चुका है।
- कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए 5000 बिस्तर निर्धारित किए गए: कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए 17 समर्पित अस्पतालों और रेलवे अस्पतालों के 33 अस्पताल ब्लॉकों में लगभग 5000 बिस्तर चिन्हित किए गए हैं। ये अस्पताल और ब्लॉक इस उद्देश्य के लिए तैयार किए जा रहे हैं।
- 11,000 क्वारंटीन बिस्तर : कोविड-19 से लड़ने के लिए भारतीय रेलवे के प्रतिष्ठानों में 11,000 क्वारंटीन बिस्तर उपलब्ध कराए गए हैं।
- चिकित्सा उपकरणों -वेंटिलेटर और पीपीई की उपलब्धता: कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), वेंटिलेटर आदि की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता महत्वपूर्ण होगी। कोविड -19 से लड़ने के लिए आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वेंटिलेटर, पीपीई और चिकित्सा उपकरणों को जुटाने हेतु रेलवे के ज़ोन्स और उत्पादन इकाइयों द्वारा कदम उठाए गए हैं।
- उल्लेखनीय है कि रेलवे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) का आतंरिक स्तर पर निर्माण पहले ही शुरू कर चुका है। वह प्रतिदिन लगभग 1000 पीपीई का निर्माण करने के लिए प्रयासरत है, आगे चलकर इनकी संख्या और बढ़ाया जा सकता है।
- केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को रेलवे स्वास्थ्य सेवाओं की पेशकश: देश भर में केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को रेलवे अस्पतालों/ स्वास्थ्य केंद्रों में पहचान पत्र दिखाए जाने पर रेलवे स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।