छोटे किसानों को रियायती दरों पर 4 लाख करोड़ का लोन का हुआ ऐलान


नई दिल्ली। आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त का ब्योरा दिया. उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान गरीबों और श्रमिकों पर है. किसानों को कर्ज में ब्याज पर 31 मई तक छूट दी गई है. छोटे किसानों को रियायती दरों पर 4 लाख करोड़ का लोन का ऐलान किया. इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "ये सरकार गरीबो के लिये है. हमे गरीब से गरीब की मदद करनी है. गरीबों के उत्थान के मोदी सरकार ने बहुत काम किया है. 3 करोड़ किसानों को रियायती दरों पर कर्ज दिया गया है. 25 लाख किसान क्रेडिट कार्ड बांटे गए हैं."


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "नाबार्ड, ग्रामीण बैंकों के जरिये 29,500 करोड़ की मदद किसानों को दी गई. मार्च-अप्रैल में 86 हजार करोड़ का कर्ज दिया गया. ग्रामीण आधारभूत ढांचे के लिए 4200 करोड़ दिए." 


वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, "न्यूनतम दैनिक मजदूरी बढ़ाकर 202 रुपये की गई. राज्य आपदा राहत फंड के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. प्रवासी मजदूरों का मनरेगा के तहत रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है." वित्त मंत्री ने पैकेज पर जानकारी देते हुए बताया, "सभी मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी का फायदा देने की कोशिश है. 10 से कम कर्मचारी वाली संस्था सालाना कर्मचारियों का हेल्थ चेकअप कराए. ऐसी संस्थाओं को ESIC के दायरे में लाएंगे. खतरनाक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए ESIC जरूरी है."


वित्त मंत्री ने कहा, "8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के राशन के लिए 3500 करोड़ का प्रावधान किया गया है. अगले 2 माह तक प्रवासी मजदूरों को 5 किलो राशन मिलेगा. इसमें गेंहू, चावल के अलावा 1 किलो चना भी दिया जाएगा. 'वन नेशन, वन राशन' स्कीम को लागू किया जाएगा. अगस्त 2020 तक राशन कार्ड की नेशनल पोर्टबिलिटी का काम किया जाएगा. रात में काम करने वाली महिलाओं के लिए नियम लाएंगे." वन नेशन-वन राशन कार्ड' की दिशा में काम होगा जो हर राज्य में लागू होगा. इसके जरिए प्रवासी किसी भी राज्य के राशन डिपो से राशन ले सकेगा. प्रवासी मजदूरों का ध्यान रखा जा रहा है, प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में काम दिया जाएगा. 2.33 करोड़ प्रवासी मजदूरों को पंचायत में काम मिला. जिनके पास कार्ड नहीं है, उनको भी 5 किलो गेहूं चावल और एक किलो चना मिलेगा. 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को इस अनाज योजना का फायदा मिलेगा. केंद्र सरकार इसका खर्च उठाएगी. राज्य सरकारें इन मजदूरों की पहचान करेगी. प्रवासी मजदूरों के लिए और शहरी गरीबों के लिए पीएम आवास योजना के तहत अफोर्डेबल किराया स्कीम चालू किया जाएगा. यह पीपीपी मोड पर होगा. मजदूर और शहरी गरीब यहां पर बहुत कम किराए पर रह सकेंगे. जिन्होंने मुद्रा लोन के तहत 50,000 तक या फिर 50000 रुपए से कम लोन लिया है, वह जब 3 महीने बाद अपनी किस्त चुकाएंगे तो समय पर चुकाने वालों को 2% ब्याज में छूट दी जाएगी. मुद्रा लोन में शिशु लोन लेने वाले तीन करोड़ लोगों को 2%सस्ता ब्याज वाला फायदा मिलेगा. 1.62 लाख करोड़ रुपए का लोन इनके पास है. मिडल इनकम ग्रुप जिनकी 6 लाख से 18 लाख रुपए सालाना इनकम है, उनके लिए अफॉर्डेबल हाउसिंग के लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम का फायदा मार्च 2021 तक बढ़ाया जा रहा है. ये योजना मार्च 2020 में खत्म हो रही थी. आदिवासियों के लिए रोजगार बढ़ाने के लिए कैंपा फंड 6000 करोड़ रुपए का होगा.