बुरा लगे या भला, पर बात है खरी-खरी
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नोएडा में लॉकडाउन पर छुप गए पूर्वांचली नेता, अपनों को सुध लेने से भाग रहे
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नोएडा। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के नेता जो नोएडा में रहते हैं, और यहां राजनीति करते हैं, लॉकडाउन पर पता नहीं कहां छिप गए हैं, और लोग अपने नेताओं को ढूंढ रहे हैं।
पूर्वांचल खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के नेता जो नोएडा में राजनीति चमकाने का काम करते हैं, वे दो दर्जन से अधिक नेता गायब हो गए हैं। अपने- अपने को बड़े और पुरबिया समाज का बड़ा और महान नेता बताते थकने वाले ये नेता को देखने के लिए लोग तरस-सा गए हैं।
बता दें कि पुरबिया या पूर्वांचल के नाम पर ऐसे ठग नेता आयोजनों के नाम पर लाखों उड़ा देते हैं। पर लॉकडाउन के भीषण त्रासदी में पूर्वांचलियों के लिए मददगार क्या बनेंगे, उनके पास तो सांत्वना के लिए दो शब्द भी नहीं बचे हैं। कुछ लोगों ने यहां तक कहा कि उनकी ज़मीर मरी हुई है। वे बड़े-बड़े आयोजनों के नाम पर लूट मचाते हैं और पूर्वांचली लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम करते हैं।
आज बड़ी संख्या में श्रमिक पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की सफर पर निकले जा रहे हैं। सभी की शिकायत है कि उनके पास खाने को कुछ नहीं है। राशन by देने या भोजन देने की बड़ी-बड़ी बातें तो की जा रही है, लेकिन उन तक वह नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में वह अपने गांव पहुंचकर यहां की अपेक्षा वहां मरना चाहते हैं। इसलिए वे पैदल ही कुच कर रहे हैं। उनका आरोप है कि उनके जो नेता हैं, वे छुपे हुए हैं। कोई मदद करने में आगे नहीं आ रहे हैं, न कोई सहयोग दे रहे हैं। वह बातें तो बड़ी -बड़ी बनाते हैं, लेकिन उनकी कथनी और करनी का भेद वे जान चुके हैं। पर, कुछ पूर्वांचली लोग मदद भी कर रहे हैं, पर सीमित संख्या में।
यहां यक्ष प्रश्न है, आप भी पूछें, आप भी कमेंट कीजिए और उनसे जवाब मांगिए। छठ महापर्व जैसे बड़े आयोजन कर लाखों उड़ाने वाले और शोहरत का डंका बजाने वाले क्या वेे नकली और फर्जी लोग थे !