** प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व सांसद को पत्र लिख फैसला वापस लेने की उठाई मांग
** सरकार अपने खर्चे में कर रही कटौती तो व्यापारियों के लिए यह फैसला बड़ा आर्थिक बोझ
नोएडा। कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन है। इसका सर्वाधिक असर व्यापारियों पर पड़ रहा है। व्यवसाय बंद है। वह किसी तरह अपने यहा कार्यरत श्रमिकों को जीवन यापन के लिए मासिक वेतन दे रहे हैं। ऐसे में मंहगाई भत्ता और दैनिक मजदूरी बढ़ाना व्यापारियों पर दोहरी मार है। उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल नोएडा इकाई ने प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री और सांसद को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से मंहगाई भत्ता और दैनिक मजदूरी पर लिए गए निर्णय को वापस लेने की मांग की और अगली छमाही तक पूर्व के आदेशों को यथावत रखने की मांग उठाई।
उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल नोएडा इकाई के जिला अध्यक्ष एवं प्रांतीय कोषाध्यक्ष नरेश कुच्छल ने पत्र के जरिए मातहतो को अवगत कराया कि इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस से फैली महामारी से संघर्ष कर रही है। केंद्र व राज्य सरकार की ओर से समय से लॉकडाउन कर इस महामारी को व्यापाक स्तर पर रोकने का सराहनीय प्रयास किया। यही नहीं, केंद्र सरकार ने बढ़ते आर्थिक बोझ को देखते हुए अपने खर्चो में कटौती की। सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाले मंहगाई भत्ते की नई किस्तो पर एक जुलाई 2021 तक रोक लगा दी। साथ ही विधायकों व सांसद के वेतन में भी कटौती की गई। ऐसे में प्रदेश के श्रम विभाग की ओर से न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के तहत प्रतिमाह परिवर्तित महंगाई भत्ता और दैनिक मजदूरी को बढ़ाने का फैसला लिया गया। यहा लॉकडाउन में पहले से ही व्यापारियों और व्यवसायियों की कमर टूट चुकी है। बाजार बंद है व्यापारियों व व्यवसायियों का कारोबार बंद है। इस स्थिति में व्यापारियों पर अतरिक्त बोझ क्यो डाला जा रहा है। इस फैसले को तत्काल वापस लिया जाए और पुरानी व्यवस्था को आगामी छमाही तक यथावत रखा जाए।