महराजपुर के गढ़ी मलेहरा में बीती रात आई भयानक आंधी में पान बरेजों पर बरपा कहर, 5000 पारी से अधिक बरेज गिरे, लाखों का नुकसान


नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लोगों को राहत मिल नहीं मिल पा रहा है, वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से लोगों के उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। लॉकडाउन में चौरसिया समाज के पान बरेजों में पान के पत्ते झड़ कर गिर रहे हैं। बाजार बंद है। पान खपाने का माध्यम भी नहीं है। ऐसे में चौरसिया समाज पर एक और प्रकृति का कहर बरपा है।


प्रकृति का कहर वैसे ही पहले से कोरोना वायरस के रूप में  पड़ रही है। पान किसान व पान की दुकानदार भूख से लड़ रहे हैं और प्राकृति ने उन गरीबों पर कहर ढाया। इनका कोई रखवाला नहीं है। आज यह किन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं, शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। चौरसिया पान किसान का महामारी के साथ प्राकृतिक आपदा से संघर्ष जारी है। चौरसिया समाज का नेता चुप बैठ चुका है। वे समाज को भाग्य- भरोसे छोड़ दिया है। उनकी कोई कहीं सुध नहीं ले रहा है।


सोमवार रात को आई भीषण आंधी और बारिश से महाराजपुर एवं गढी मलेहरा में 5000 पारी से अधिक पान बरेजे गिरने से  पान किसानों को  लाखों का नुकसान हुआ है। इनमें से कुछ नए और कुछ पुराने बरेजे शामिल हैं जिनमे पान लगे हुए हैं। इससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पडा है। उन पान किसानोंं को तुरंत राहत पहुंचाए जाने की आवश्यकता है। सरकार से मांग कर इन्हें राहत प्रदान कराने में समाज के लोग आगे बढ़े।