नोएडा में आंकड़ों का पहाड़ खड़ा, पर नहीं रुका कोरोना संक्रमण, न रुका श्रमिकों का पलायन


नोएडा। नोएडा में कोरोना वायरस से निपटने के लिए तमाम दावों-प्रतिदावों के बीच आंकड़ों का पहाड़ खड़ा हो गया है। पर, नोएडा से न तो कोरोना संक्रमण का मामला रुक पाया है और न बड़े पैमाने पर श्रमिकों का पलायन ही रुक पाया है।बहरहाल आंकड़े जरूर बड़े-बड़े बन गए हैं। जिससे सवाल भी खड़े हो गए हैं कि इतने सारे संसाधनों को लगाने व बड़े खर्च करने के बाद नोएडा से क्यों नहीं कोरोना संक्रमण के मामले रुके और क्यों नहीं यहां से श्रमिकों का पलायन रुका ?


नोएडा प्राधिकरण द्वारा जारी आंकड़ों को देखें तो नोएडा प्राधिकरण द्वारा संचालित सामुदायिक किचनों के माध्यम से 21 मई तक 48,20, 696 भोजन के पैकटों का वितरण किया जा चुका है। जबकि कोई भूखा न सोए, रोटी सेवा, रोटी बैंक अवधारणा के तहत 45600 उपलब्ध कराई गई है। जबकि 9200 जरूरतमंद व्यक्तियों को सब्जी दाल के माध्यम से बांटा गया है। इसके अलावे गैर सरकारी संस्थाओं व समाजसेवियों व राजनीतिक दलों द्वारा हजारों टन राहत सामग्री बांटी जाने की भी शहर में चर्चा चल रही है। बावजूद नोएडा शहर से बड़े पैमाने पर श्रमिकों का पलायन नहीं रुक पाया। इस पर भी सवाल खड़े हो गए हैं?  क्या आंकड़ों की बाजीगरी में सारा खेल यूं ही चलता रहा, यह भी यक्ष प्रश्न बन गया है ?


प्राधिकरण द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 5000 स्वच्छता कर्मियों, 50 वाटर टैंकरो, 200 गाड़ियों ,480 हैंडस्प्रे मशीन, 7 मेकेनिकल स्वीपिंग मशीन के माध्यम से शहर की सफाई एवं सैनिटाइजेशन का कार्य कराया जा रहा है।


प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन 200 हैंड स्प्रे मशीनों, मोटराइड मशीनों तथा 80 होंडा की मोटराइजड कुल 480 स्प्रेमशीनों के द्वारा सैनिटाइजेशन का कार्य कराया जा रहा है।


नोएडा के 150 सेक्टरों में 230 हाईराइज सोसाइटी में तथा 80 ग्रामों को 18-18 बार सैनिटाइजेशन किया जा रहा है।


जन स्वास्थ विभाग द्वारा होंडा की स्प्रे मशीन द्वारा 70 कर्मियों की 35 टीमें बनाकर सेक्टर 5, 8, 9 एवं 10 की लगभग 12000 झुग्गियों में सैनिटाइजेशन कराया गया है।


इसके अलावा शहर के कई सरकारी दफ्तरों में सैनिटाइजेशन कराया गया है। इस कार्य में बड़े बजट लगने की संभावना भी जताई जा रही है। फिलहाल कोरोना मामले में कितना खर्च किया गया है, आंकड़ा जारी नहीं किया गया है।