उद्योग बंधु की बैठक में डीएम से जूम पर एनईए अध्यक्ष विपिन मल्हन ने उद्योगों की समस्याओं को उठाया

नोएडा। जिला उद्योग बंधु की बैठक में एनईए अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर सुहास एलवाई से औद्योगिक समस्याओं पर जूम वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बेबाक बातचीत की और उद्यमियों की मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाया।



उन्होंने कहा कि नोएडा फेज वन स्थित औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर 5,8,9 एवं सेक्टर 10 के आसपास प्राधिकरण की अरबों रूपए की भूमि पर लोगों द्वारा अतिक्रमण कर 15- 20 हजार  झुग्गियां बना कर अवैध कब्जा किया गया है, जिसका दुष्प्रभाव औद्योगिक इकाईयों पर पड़ रहा है। बाकी औद्योगिक इकाई तो खुला है पर, 2800 इंडस्ट्रीज बंद है।


उन्होंने कहा कि वर्तमान में झुग्गी बस्तियों के कारण जिसमें कोरोना वायरस हफ्ते में 2-4 संक्रमित मरीज मिल रहे हैं जिसके कारण  यहां उद्योगों को चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि झुग्गियों में हजारों की संख्या में लोग रहते हैं जिसके कारण कोरोना वायरस हेतु उचित दूरी बनाए जाना  यहां संभव नहीं है, जिसके कारण कोरोना भी निकलते रहेंगे और यहां उद्योग चलाना संभव नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि कंटेंटमेंट जोन का दायरा जहाँ केेस पाए गए हैं, उसके आसपास को सील कर रखा गया है। वहां आसपास के उद्योगों को चलाने की अनुमति दी जाए।


उन्होंने कहा कि उद्योगों की सुरक्षा हेतु स्थाई समाधान के लिए औद्योगिक सेक्टर 5,8,9 और सेक्टर 10 में झुग्गी झोपड़ी के चारों ओर 10 फीट ऊंची दीवार बनाकर औद्योगिक इकाइयों से एक ही रास्ता को खोला जाए जिससे यहां औद्योगिक वातावरण उद्योगों को चलाने लायक हो सके।


उन्होंने डीएम से कहा कि औद्योगिक समाधान के माध्यम से वह प्राधिकरण से कहें कि प्राधिकरण यहां दीवार का निर्माण करने में आगे आए। यदि प्राधिकरण सक्षम नहीं है तो उद्योग बंधु आपस में मिलकर इस बाउंड्री का निर्माण कर सकते हैं।


उन्होंने बताया कि 65 दिन बाद इंडस्ट्रीज तो खोले गए हैं, पर रॉ मैटेरियल सेक्टर 9 से मिलता है, जो कंटेन्मेंट जोन के कारण बंद है। जिसके कारण इंडस्ट्रीज खोलने के बाद नहीं चला पा रहे हैं। उन्होंने डीएम से कहा कि दिल्ली बॉर्डर उनके आदेश से बंद है। श्रमिक नोएडा के कंटेन्मेंट जोन व दिल्ली के नजदीक रहते हैं। वे काम पर नहीं आ पा रहे हैं।


उन्होंने कहा कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण द्वारा योजना एवं उद्यमियों के लिए आरक्षित श्रेणी के अंतर्गत आवास योजना लाई जाती है एवं यमुना एक्सप्रेसवे, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा दोनों में काफी भूखंड आवंटित किए गए हैं। मार्च माह में नोएडा यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण द्वारा पट्टे के निष्पादन हेतु पत्र जारी किए गए हैं। इस कोविड-19 की महामारी में जहां एक और उद्योगों को चालू करने के लिए, श्रमिकों को सैलरी देने आदि देयताओं के लिए पैसा इकट्ठा करना मुश्किल हो रहा है। आवंटित भूखंडों के पट्टे के लिए स्टांप ड्यूटी के लिए कहां से खर्च कर पाएंगे। उन्होंने निवेदन किया कि भुगतान के लिए 1 वर्ष का समय दिया जाए।


विपिन मल्हन ने कहा कि उद्यमियों को आवंटित भूखंडों पर निर्माण कार्य पूर्ण कर अधिभोग प्रमाण पत्र प्राधिकरण से प्राप्त करना होता है तथा इकाई को चालू करके कार्यशील प्रमाण पत्र प्राप्त करना होता है। लेकिन इस वैश्विक महामारी के कारण उद्यमियों के पास न तो निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए पूंजी है, न  ईकाई को कार्यशील करने की क्षमता है। निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए तथा इकाई को कार्यशील करने के लिए 2 वर्ष की अतिरिक्त समय वृद्धि बिना चार्ज के दी जाए।


उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण तीनों प्राधिकरणों के समस्त मदों में राशि पर दिनांक 22 मार्च 2020 से दिनांक 30.6.2020 तक जमा की जाने वाली धनराशि पर ब्याज से छूट प्रदान की जाए। लॉकडाउन के कारण उद्योग बंद पड़े हैं। जिसके कारण उद्यमियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।उद्योगों को सुचारू रूप से चलाने के कारण काफी समय लगेगा और अतिरिक्त वित्तीय मदद की आवश्यकता होगी।उन्होंने कहा कि तीनों प्राधिकरणों के समस्त देयताओं को जमा करने की अवधि ब्याज रहित 21 मार्च 2021 तक की जाए।