यूपी में कोई भी भूखा न रहे, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दी हिदायत


लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से साफ कहा है की प्रदेश में कोई भूखा नहीं रहना चाहिए तथा हर परिवार को आवश्यकतानुसार खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाये। प्रदेश में लौट रहे श्रमिकों को सीमा पर भोजन उपलब्ध कराया जाए, इसके लिए अधिकारी अपने स्तर से प्रयास तेज करें।


इस बाबत उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने गुरुवार को यहाँ लोक भवन स्थित मीडिया सैल में प्रैस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नही रहना चाहिए। हर परिवार को आवश्यकतानुसार खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाये। क्वारंटीन सेन्टर एवं आश्रय स्थलों में प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को अच्छी तरह से रहने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जायें। यह सुनिश्चित किया जाये कि क्वारंटीन सेन्टर एवं आश्रय स्थलों में साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था हो। प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को शुद्ध एवं पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध कराया जाए।


मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि चुनौती को अवसर में बदलने के लिए कठिन समय में सकारात्मक सोच के साथ प्रयास करने की आवश्यकता है। एमएसएमई सेक्टर में रोजगार की असीम सम्भावनाएं हैं। रोजगार की दृष्टि से प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को इस सेक्टर से जोड़ने के लिए उनकी स्किल मैपिंग का कार्य निरन्तर जारी रखा जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए अचार, पापड़ आदि की कम्युनिटी किचन में आपूर्ति की जाए। इससे समूहों के उत्पाद की सुनिश्चित बिक्री को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए मास्क और अंगौछे आवश्यक हैं। वर्तमान समय में इनकी मांग भी अधिक है। इसके दृष्टिगत महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क तथा अंगौछा तैयार करने के कार्यों से जोड़ते हुए समूहों की आय में वृद्धि की जा सकती है।


अपर मुख्य सचिव गृह अविनाश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों की सुरक्षित एवं सम्मानजनक ढंग से वापसी कराई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी प्रवासी कामगार एवं श्रमिक पैदल, दोपहिया वाहन आदि किसी भी असुरक्षित साधन से यात्रा न करें। इन्हें बस, ट्रेन जैसे सुरक्षित साधनों से पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि गृह जनपद में क्वारंटीन सेन्टर पर प्रवासी कामगार एवं श्रमिक की थर्मल स्कैनिंग की जाए। कोरोना की दृष्टि से संदिग्ध प्रवासी कामगार एवं श्रमिक की पूल टेस्टिंग के माध्यम से मेडिकल जांच की जाए। जो बिल्कुल स्वस्थ हों, उन्हें राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए सुरक्षित घर पहुंचाया जाए। होम क्वारंटीन के दौरान उन्हें 1,000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता भी उपलब्ध कराया जाए।


गृह सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोग मास्क/फेस कवर लगाकर ही बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सप्लाई चेन के सुचारू संचालन से लोगों को आवश्यक सामग्री सुगमतापूर्वक प्राप्त हो रही हैं।सुनिश्चित किया जाए कि यह व्यवस्था इसी प्रकार प्रभावी ढंग से जारी रहे। सभी जनपदों में पर्याप्त संख्या में थर्मल स्कैनर/अल्ट्रारेड थर्मामीटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि करते हुए इसे इस सप्ताह के अन्त तक 10,000 कोरोना से सम्बंधित टेस्ट प्रतिदिन किया जाए। सभी वेन्टीलेटरों को क्रियाशील रखा जाए। अधिक से अधिक चिकित्सा कर्मियों को वेन्टीलेटर संचालन की ट्रेनिंग दी जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल के अनुरूप इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं का संचालन कराया जाए। इसके लिए जरूरी है कि नर्सिंग होम व निजी अस्पतालों सहित सभी चिकित्सालयों में पीपीई किट,एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। अपर मुख्य सचिव गृह अविनाश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह सर्वविदित है कि इम्युनिटी को विकसित कर कोविङ-19 से बचा जा सकता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के उद्देश्य से भारत सरकार ने 'आरोग्य सेतु' एप तथा प्रदेश सरकार ने आयुष कवच-कोविड' एप लॉन्च किया है। इसका व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए अधिक से अधिक लोगों को 'आरोग्य सेतु' तथा आयुष कवच- कोविड' एप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।


सभी 75 जनपदों में सम्बन्धित जिलाधिकारी को सहयोग प्रदान करने के लिए नामित किए गए आईएएस अधिकारी तथा वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी द्वारा क्वारंटीन सेन्टर/शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन की साफ-सफाई एवं सुरक्षा प्रबन्धों का निरन्तर अनुश्रवण करते हुए व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया जाए। होम क्वारंटीन में रहने वाले प्रवासी कामगार एवं श्रमिकों की निगरानी के लिए निगरानी समितियों के सर्विलांस कार्य को सुदृढ़ किया जाए। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा अधिक से अधिक निगरानी समितियों से संवाद कर इनकी मॉनिटरिंग की जाए।


उन्होंने बताया कि देश में सबसे अधिक प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश में आये हैं।प्रदेश में अब तक 318 ट्रेन के माध्यम से लगभग 3,84,260 प्रवासी कामगार एवं श्रमिक आये हैं।उन्होंने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को लाये जाने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही ट्रेन में श्रमिकों का किराये का खर्च प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। किसी भी श्रमिक को किसी भी प्रकार की समस्या होने पर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 पर अपनी समस्या दर्ज करा सकता है जिसका समुचित निवारण किया जायेगा। प्रदेश में विगत दिनों में आये कामगार एवं श्रमिकों को मेडिकल स्क्रीनिंग के उपरान्त खाद्यान्न देकर होम क्वारंटाइन हेतु घर भेजा जा रहा है। आज रिकार्ड 67 ट्रेन प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को लेकर प्रदेश में आ रही हैं।


उन्होंने बताया कि दिल्ली राज्य से 04 ट्रेन प्रतिदिन उत्तर प्रदेश के लिए चलाये जाने पर सहमति हो गई है जिसे आगे और बढ़ाया जायेगा। गाजियाबाद, नोएडा एवं सहारनपुर से भी ट्रेन चलाई जायेगी। उत्तर प्रदेश से बिहार के लिए भी ट्रेन चलेगी। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में 49 ट्रेन से 52,069, लखनऊ में 34 ट्रेन से 39,905, प्रयागराज में 16 ट्रेन से 19,992, जौनपुर में 18 ट्रेन से 22,811, बलिया में 12 ट्रेन से 14,968, वाराणसी में 13 ट्रेन से 15,189, आगरा में 04 ट्रेन से 4,833, कानपुर में 07 ट्रेन से 8,533 प्रवासी कामगार एवं श्रमिक आये हैं। वर्तमान में प्रदेश के 45 रेलवे स्टेशन पर ट्रेन आ रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गुजरात से 174, महाराष्ट्र से 51, कर्नाटक से 12, पंजाब से 59 ट्रेन आ चुकी है।अपर मुख्य सचिव गृह अविनाश कुमार अवस्थी ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में मास्क एवं फेस कवर अनिवार्य कर दिया गया है। जिसका पालन न किये जाने पर फाइन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन अवधि में फेक न्यूज पर प्रभावी कार्यवाही करते हुए अब तक 940 मामलों को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की गयी। फेक न्यूज के तहत अब तक कुल 40 एफआईआर पंजीकृत करायी गयी है। उन्होंने बताया कि 03 प्रकरण में एकाउण्ट धारक द्वारा पोस्ट डिलीट कर माफीनामा दिया गया तथा 135 प्रकरणों की जांच की जा रही है।उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की श्रमिक भरण-पोषण योजना के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 31.91 लाख श्रमिकों एवं निराश्रित व्यक्तियों को भी एक-एक हजार रूपए की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 74,318 औद्योगिक इकाइयों से संपर्क किया गया, जिनमें से 70,300 इकाइयों द्वारा अपने कार्मिकों को रु0 1592.27 करोड़ के वेतन का वितरण किया जा चुका है। सतत प्रक्रिया उद्योग के 801 इकाईयां चालू कर दी गई हैं जिसमें 60,034 श्रमिक कार्यरत हैं।


उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त लघु, मध्यम एवं वृहद श्रेणी की 1,67,009 इकाईयों में 18.37 लाख श्रमिक कार्य कर रहे हैं। सूक्ष्म श्रेणी की 64,912 औद्योगिक इकाईयां संचालित हैं जिसमें 2.12 लाख श्रमिक कार्यरत हैं।प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 70 जनपदों में 1730 मामले एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 1973 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि कल 370 पूल टेस्ट किये गये जिसमें 27 पूल पॉजीटिव पाये गये। प्रदेश में चिकित्सा विभाग की 73,131 सर्विलांस टीमों के माध्यम से सर्वेक्षण में 3.01करोड़ लोगों का सर्वे कर लक्षण के आधार पर सैम्पलिंग की गई है। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु अलर्ट जनरेट होने पर लोगों को कन्ट्रोल रूम से कॉल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संक्रमण को रोकने में कम्यूनिटी सर्विलांस की अहम भूमिका है। होम क्वारेंटाइन किये गये लोग घरों में ही रहें। निगरानी समिति यह सुनिश्चित करें कि होम क्वारेंटाइन की अवधि का पूरी तरह से पालन हो। नर्सिंग होम के पंजीकरण की अवधि 6 माह बढ़ाई जायेगी।